कंगना रनौट के दफ्तर में हुई तोड़फोड़ मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश रखा सुरक्षित

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट के मुंबई स्थित कार्यालय में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल  कॉरपोरेशन (BMC) द़वारा की गयी तोड़फोड़ मामले में हुई सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) ने आदेश सुरक्षित रखा है। कोर्ट को सूचित किया गया कि सभी संबंधित पक्षों ने अपनी लिखित प्रस्तुतियांं दायर की हैं। इसके बाद, कोर्ट ने सुनवाई समाप्त कर दी और आदेश सुरक्षित रख लिया।

बरसात में इमारत को तोड़कर नहीं छोड़ी जाती 

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट के कार्यालय पर हुई तोड़फोड़ को लेकर बीते दिनों हुई सुनवाई में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High court) ने जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) से जवाब मांगा तो बीएमसी के वकील ने कोर्ट से और समय की मांग की। इस पर जज ने बीएमसी की फटकार लगाते हुए कहा कि वैसे तो आप बहुत तेज हैं, फिर इस मामले में सुस्त कैसे हो गये ? कोर्ट ने कहा कि बारिश के मौसम में किसी भी इमारत को इस तरह से तोड़कर नहीं छोड़ा जाता।

कोर्ट ने कहा था कुछ तो गड़बड़ है 

बीते दिनों बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट का कार्यालय तोड़ने के मामले में दायर याचिका को लेकर कोर्ट ने बीएमसी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था कि कुछ तो गड़बड़ है। कोर्ट का कहना था कि कंगना के कार्यालय में अवैध निर्माण बताते हुए उसे जिस तरह से तहस-नहस किया गया है उसे देखकर लगता है कि बीएमसी ने नियमों का पालन नहीं किया। बीएमसी ने नोटिस जारी करते ही तुरंत तोड़फोड़ की कार्रवाई भी शुरु कर दी।

बीते नौ सितंबर को बांद्रा के पाली हिल इलाके में कंगना के कार्यालय को अवैध बताते हुए बीएमसी ने कार्रवाई की।  जजों की खंडपीठ के अनुसार कंगना के बंगले के आसपास के इलाकों में वैसे ही अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जजों ने बीएमसी के जवाब में यह भी पाया कि बीएमसी ने छह सितंबर को ऐसे ही अवैध निर्माणों को गिराने का दावा किया है।

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