अयोध्या में आतंकी हमले की साजिश की आशंका को देखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता बरत रही हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) भी हर छोटी सूचना को पूरी गंभीरता से लेकर छानबीन में जुटा है। इसी कड़ी में इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय औरंगाबाद (महाराष्ट्र) के संदिग्ध आतंकियों के एक ग्रुप की छानबीन तेज की गई है।
आतंकी संगठन आइएस से प्रभावित इन युवकों के मोबाइल फाेन भी जब्त किए गए हैं, जिनकी छानबीन की जा रही है। औरंगाबाद में 11 युवकों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद उन्हें नोटिस देकर 15 से 18 जनवरी के मध्य पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित एटीएस मुख्यालय बुलाया है। इससे पहले कई बिंदुओं पर पड़ताल चल रही है। महाराष्ट्र एटीएस को भी संदिग्ध युवकों की गतिविधियों की जानकारियां दी गई हैं।
सद्दाम ने की थी आपत्तिजनक पोस्ट
एटीएस काे इंटरनेट मीडिया की निगरानी के दौरान औरंगाबाद के सद्दाम की एक आपत्तिजनक पोस्ट मिली थी। जिसमें लिखा था कि ”….. मुसलमानों को जगाना होगा। जिहाद मेरे खून में है। कुर्बानी से नहीं डरेंगे। चुनी हुई सरकार मुसलमानों पर ज्यादती करती हैं। बाबरी मस्जिद के फैसले से नाराज हूं। बदले की चाहत है। ओसामा बिन लादेन और बुरहान वानी मेरे आदर्श हैं”।
इस पोस्ट को पूरी गंभीरता से लेकर एटीएस 13 संदिग्धों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। जिसके बाद गहनता से पड़ताल की गई और 30 दिसंबर, 2023 को औरंगाबाद में 11 संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की गई और उनके मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए गए हैं। जबकि दो संदिग्धों को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है।
युवकों को जिहाद के लिए उकसाया जा रहा था
जांच में सामने आया है कि कई युवकों का एक समूह बनाकर उन्हें जिहाद के लिए उकसाने के साथ ही उत्तर प्रदेश में घटनाएं करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। अयोध्या समेत अन्य शहरों में दहशत फैलाने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल का कहना है कि बीते कुछ समय से इंटरनेट मीडिया पर संदिग्ध पोस्ट व ऐसी अन्य गतिविधियों की निगरानी बढ़ाई गई है। इसी दौरान औरंगाबाद के कुछ युवकों की संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं। मामले में 13 संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गहनता से छानबीन की जा रही है।
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