लड़कों के साथ रहने से लड़कियों की कई चीजों में बदलाव आ जाते है। एक बॉयफ्रेंड को कॉलेज छोड़ने और ले आने की ज़िम्मेदारी तो दूसरे को फ़ोन रिचार्ज करवाने की।
तीसरे से शॉपिंग करवाने की तो चौथे से डिनर पर ले जाने की। और पाँचवे महाशय सिर्फ़ फ़ोन पर ही मज़े दिलवायेंगे और फिर भी मेहबूबा के गुण गाएँगे। इतना सब होने पर भी पाँचों में से किसी को भनक भी ना लग पाना कि कोई और बॉयफ्रेंड भी है।
लड़की में आ जाते है ये अंतर- लड़कियों की मीठी-मीठी चिकनी-चुपड़ी बातों से तो बड़े-बड़े ऋषि-मुनि और भगवान नहीं बच पाये, यह अदना से लड़के क्या चीज़ हैं? और अपनी इस शक्ति को यह लड़कियाँ अच्छे से समझती भी हैं और इनका भली-भांति इस्तेमाल भी करना जानती हैं। प्यार-मोहब्बत से बहला-फुसला के अपना काम निकलवाना। बस लड़कों के दिल से खेल लो थोड़ा सा, प्यार से बना लो अपना और फिर देखो कैसे बन्दर के जैसे गुलाटियाँ मारते नज़र आएँगे यह लड़के। लड़कियाँ इस काम में माहिर होती हैं।