
नई दिल्ली। एक अध्ययन से पता चलता है कि डॉक्टरों को मुफ्त का भोजन उपलब्ध कराना दवा निर्माताओं के लिए एक आकर्षक निवेश है। जो दवाइयां डॉक्टरों ने आपको लिखी है, हो सकता है कि उसके एवज में दवा कंपनी ने डॉक्टर को फ्री लंच उपलब्ध कराया हो।
डॉक्टरों को मुफ्त में पिज्जा खिलाती
यूनिवसिटी ऑफ कैलिफोर्निया सेन फ्रैंसिस्को के अनुसार, जो डॉक्टर्स दवा कंपनियों से मुफ्त का भोजन स्वीकार कर लेते हैं, वे उन कंपनियों की ही दवाइयां मरीजों को प्रिस्क्राइब करते हैं। जिस दवा निर्माता ने अपना ऐसा पैसा अतिरिक्त और महंगे भोजन पर लगाया, उन्हें और भी फायदा हुआ। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चर्स ऑफ अमेरिका ने 100 डॉलर तक के उपहार और भोजन उपलब्ध कराने के निशानिर्देश दिए हैं।
यह भोजन बहुत कम मूल्य के हैं जैसे कि पिज्जा या सैंडविच के लिए लेकिन यह दवा कंपनियों को बड़े फायदे का सौदा है। डॉक्टरों के लिए भले ही यह अच्छी बात हो लेकिन मरीजों के लिए बुरी खबर है।
इंडस्ट्री द्वारा प्रयोजित भोजन भारत में भी एक बड़ा मुद्दा है। कई डॉक्टर्स और फॉर्मास्युटिकल कंपनियों ऐसे फेवर्स के बदले में प्रभावित करने वाले प्रिस्क्रिप्शंस देने के लिए जांच के दायरे में है। हालांकि कड़े कानून और उचित चैक्स और बैलेंस की अनुपस्थिति में ऐसी मुफ्त का सेवाएं जारी हैं। डॉक्टरों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि फ्री लंच या डिनर भारत में भी आम है और दुर्भाग्य से भोजन की कीमत पर किसी तरह की सीमा नहीं हैं।
फोर्टिस सी-डॉक के चेयरमैन डॉ. अनूप मिश्रा ने बताया, ‘फिजिशियंस को दवाओं की सुरक्षा के बारे में पहले सोचना चाहिए और दवाइयां लिखते समय मरीजों का हित पहले देखना चाहिए।’
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