उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के महत्वाकांक्षी मुहिम के तौर पर बहुचर्चित एंटी रोमियो दस्ते अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही विवादित रहा है. हालांकि सरकार ने एंटी रोमियो दस्ते के विवादों में आने के बाद से उसकी कार्यशैली और रूपरेखा पर काम करने की कवायद शुरू कर दी है. सरकार ने यह व्यापक व अहम जिम्मेदारी तेज तर्रार आईपीएस ऑफिसर नवनीत सिकेरा को दी है. इसके अलावा जहां पुलिस के आला अधिकारी बेहतर काम करने के टिप्स दे रहे हैं. वहीं मनोवैज्ञानिक भी एंटी रोमियो दस्ते को बेहतर करने के टिप्स दे रहे हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के शपथ लेते ही पूरे प्रदेश में गठित एंटी रोमियो दस्ते के छापेमारी के दृश्य व वीडियो जगह-जगह कैमरे में कैद किए जाने लगे. कई बार किसी पार्क या सार्वजनिक जगहों पर बैठे जोड़ों को परेशान किया गया. उन्हें थप्पड़ मारा गया उठक-बैठक कराई गई. कई जगह भाई-बहन और पति-पत्नी तक को परेशान किया गया. उनके वीडियो बना कर व्हाट्सएप व फेसबुक पर साझा किए गए. इससे सरकार को समाज व देश के अलग-अलग हिस्सों से आलोचना भी झेलनी पड़ी.
नवनीत सिकेरा ने दिलाई एंटी रोमियो दस्ते को शपथ
नवनीत सिकेरा ने एंटी रोमियो दस्ते के सदस्यों को “डू एंड डोंट्स” के टिप्स दिए और महिलाओं के साथ-साथ प्रेमी जोड़ों के साथ संवेदनशीलता बरतने के किस्से सुनाए. उन्होंने मौके पर कहा कि पुलिस ऐसी हरकतों से बचे. ऐसा करना उन्हें बदनाम करता है. उनका खास जोर मनचलों से लड़कियों से बचाने पर रहा. न कि प्रेमी जोड़ों को परेशान करना.
आजतक से की खास बातचीत
इस कार्यक्रम का हिस्सा रहीं महिला कॉन्सटेबल कहती हैं के वे प्रेमी जोड़ों को परेशान नहीं करते. हालांकि वे कॉलेजों या स्कूलों के बाहर सादे लिबास में मौजूद रहते हैं ताकि असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की जा सके. उनकी तरफ से यह बिल्कुल साफ है कि एंटी रोमियो दस्ता किसी को यूं ही परेशान न करे.
इस पूरे प्रोग्राम का संचालन कर रही महिला अधिकारी बबिता सिंह कहती हैं कि 1090 के ट्रेनिंग प्रोग्राम ने दस्ते की तस्वीर बदल कर रख दी है. इससे जूनियर अधिकारियों के साथ-साथ कॉन्सटेबल के रवैये में भी फर्क आया है.
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?
इस कार्यक्रम में टिप्स देने आई मनोवैज्ञानिक नेहा आनंद कहती हैं कि फिलहाल लखनऊ में 2-3 जिलों के अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग चल रही है. उन्हें टिप्स दिए जा रहे हैं. उन्हें बताया जा रहा है कि एंटी रोमियो दस्ता कैसे मोरल पुलिसिंग से बचे. कैसे वे मनचलों और प्रेमियों के बीच के फर्क को समझ सकें और उसी के हिसाब से बर्ताव करें.