देहरादून: भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन बिना आमंत्रण सीएम से मिलने दून विश्वविद्यालय पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें न केवल मंच से नीचे उतरने का आदेश दिया, बल्कि ज्ञापन लेने से भी इन्कार कर दिया।
शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय के खेल मैदान में ‘आपकी राय, आपका बजट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यूं तो कार्यक्रम 11.30 बजे शुरू होना था, लेकिन मुख्यमंत्री को दिल्ली से लौटते हुए कुछ विलंब हो गया। उनका हेलीकॉप्टर 12.05 बजे पर दून विवि के मैदान में ही उतरा। मंच पर सिर्फ मुख्यमंत्री के लिए ही कुर्सी थी। अतिथियों और छात्रों के बैठने की व्यवस्था मंच के सामने की गई थी।
सीधे मंच पर पहुंचे विधायक
करीब पौन घंटे बाद 12.45 बजे नीला कोट और काली टोपी लगाए विधायक चैंपियन शामियाने में पहुंचे और सीधे मंच की ओर बढ़े। जैसे ही वह मंच के नजदीक पहुंचे तो सुरक्षा कर्मियों ने उनको रोकने का प्रयास किया, बावजूद इसके चैंपियन मंच तक पहुंच गए। यह देख सीएम का पारा चढ़ गया। मुख्यमंत्री हाथ से इशारा कर बोले ‘सामने बैठिए, बैठने जगह उधर है।’ इस पर विधायक पहली पंक्ति में दून विवि के कुलपति चंद्रशेखर नौटियाल की बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए।
सीएम बोले, यह ज्ञापन देने की जगह नहीं
दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे कार्यक्रम समाप्त हुआ तो मीडिया के लोग मुख्यमंत्री से सवाल जवाब करने लगे। तभी विधायक चैंपियन एक बार फिर हाथ में ज्ञापन लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास पहुंचे। इस बार तल्ख तेवर में मुख्यमंत्री बोले ‘यह ज्ञापन देने की जगह नहीं है।’ इस चैंपियन ने कहा कि ‘सर बात तो सुन लीजिए’। सीएम ने फिर कहा कि ‘यह बात सुनने की भी जगह नहीं है।’
ग्रुप फोटो में भी नहीं किया शामिल
इसके बाद मुख्यमंत्री छात्रों के साथ ग्रुप फोटो खिंचाने लगे। प्रणव चैंपियन फिर उनके पीछे हो लिए। जैसे ही चैंपियन निकट आए तो उन्हें हाथ से इशारा कर दूर रहने का संकेत दिया। इस पर प्रणव दर्शकों के साथ खड़े हो गए। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी कार में बैठ वहां से निकल गए।
कोपरेटिव के चुनाव का था ज्ञापन
मुख्यमंत्री ने दून विवि से जाने के बाद मीडिया से रूबरू चैंपियन ने बताया कि वह मुख्यमंत्री को कोओपरेटिव चुनाव समय पर नहीं न कराए जाने के बारे में ज्ञापन देने आए थे।
मुख्यमंत्री मेरे बड़े भाई :चैंपियन
सीएम के तल्ख तेवर देखकर विधायक प्रणव चैंपियन सुरक्षात्मक नजर आए। उन्होंने मीडिया से कहा कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। कहा कि उनके रगों में भाजपा से अटूट प्रेम का खून दौड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें शुक्रवार शाम को निवास बुलाया है। जब उनसे पूछा गया कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत उन्हें चुप रहने की नसीहत दे चुके हैं। इस पर चैंपियन ने कहा कि धन सिंह रावत मेरी छोटे भाई हैं मैं उनकी सलाह को बुरा नहीं मानता।