थराली सीट पर उपचुनाव की जंग खासी रोचक होने जा रही है। विधानसभा में एकमात्र विपक्षी पार्टी कांग्रेस प्रचार की आक्रामक रणनीति के साथ सरकार और सत्तारूढ़ दल पर हमलावर है। पार्टी को भरोसा है कि भाजपा सरकार के सवा साल की एंटी इनकंबेंसी उसके माथे पर जीत का सेहरा बांधेगी। 
चमोली जिले की थराली सीट भाजपा विधायक मगनलाल शाह के निधन से खाली हुई है। सत्तारूढ़ दल इस सीट पर दिवंगत मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी को प्रत्याशी बनाकर सहानुभूति लहर को भुनाने की तैयारी में है। वहीं पूर्व विधायक प्रो जीतराम पर दांव खेल रही कांग्रेस उपचुनाव को लेकर सतर्क तो है ही, उत्साहित भी है।
बदरीनाथ और केदारनाथ विधानसभा क्षेत्रों से जुड़ी थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे यदि कांग्रेस के पक्ष में रहते हैं तो देशभर में इसके जरिये बड़ा संदेश जाने की उम्मीद पार्टी लगा रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि पार्टी प्रत्याशी प्रो जीतराम की छवि के साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार की सवा साल की एंटी इनकंबेंसी असर दिखाएगी।
वहीं प्रदेश सरकार पर शिकंजा कसने को पार्टी हमला करने का मौका चूक नहीं रही है। नामांकन के बाद कांग्रेस चुनाव प्रचार में भी कमजोर नहीं दिखना चाहती। हाईकमान भी इस उपचुनाव पर सीधी नजर रखे हुए है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह थराली में डेरा डाले हुए हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी जनसभाओं और जनसंपर्क का दौर शुरू कर दिया है।
कांग्रेस के अन्य दिग्गज भी प्रचार में जुटे हैं। भाजपा के प्रचार तंत्र का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस घर-घर जनसंपर्क पर जोर दे रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी प्रत्याशी प्रो जीतराम की छवि का पार्टी को लाभ मिलेगा। कांग्रेस के नेता प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार तेज कर चुके हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का मानना है कि थराली सीट पर कांग्रेस को प्रत्याशी की छवि के साथ ही भाजपा सरकार के सवा साल के एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का लाभ भी मिलेगा। जनसभाओं में कांग्रेस इसे ही मुद्दा बना रही है।
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