एंट्री लेवल जॉब्स के लिए एचआर पोर्टल आसानजॉब्स के सीईओ और को-फाउंडर दिनेश गोइल इस समय मुंबई में 5 ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। दिनेश कहते हैं, ‘साल के इस समय डिलिवरी बॉयज की मांग काफी बढ़ जाती है। कंपनियां इन्हें ओवरटाइम, जॉइनिंग बोनस और एग्जिट बोनस से लुभाने की कोशिश करती हैं।’ दिनेश का कारोबार साल बीतने के साथ बढ़ता जा रहा है। पहले ऐसे कर्मचारियों के लिए वे फील्ड ऐक्टिविटीज पर निर्भर करते थे और कॉलेजों में जाकर रिक्रूटमेंट करते थे। अब वे रेफरल प्रोग्राम चलाते हैं। दिनेश के मुताबिक इस सीजन जॉब ऐप्लिकेशन में 250-300% की वृद्धि हुई है।
क्विकरजॉब्स ने केवल सितंबर में ही मेट्रो शहरों में 3,500 वैकंसी को पूरा किया है। प्लेसमेंट एजेंसी के वाइस प्रेजिडेंट और बिजनस हेड अमित जैन कहते हैं, ‘फेस्टिव सीजन में सभी नौकरियां टेंपररी ही नहीं होती है, हां इनके लिए ऐप्लिकेशन की संख्या जरूर अधिक होती है। शारिरीक मेहनत करने वाले लोग एक्सट्रा इनकम के लिए शॉर्ट टर्म जॉब्स की तलाश में रहते हैं।’
इंडस्ट्री इस समय ऐसे युवाओं को भी हायर कर रही है जो 10वीं पास हों और उनके पास मोटरसाइकल हो। इसके अलावा कॉलेज स्टूडेंट, ग्रैजुएट, बिजनस में झटका खा चुके उद्यमियों और महिलाओं को भी काम पर रखा जा रहा है। ऐमज़ॉन इंडिया, इंडिया कस्टमर फुलफिलमेंट के वाइस प्रेजिडेंट अखिल सक्सेना कहते हैं, ‘हम ऐसे सहयोगियों की तलाश में हैं जिनका कम्युनिकेशन स्किल अच्छा हो और कस्टमर्स को उनके दरवाजे पर अच्चा अनुभव देने की योग्यता रखते हैं।’ ऐमजॉन ने देशभर में 22,000 से ज्यादा लोगों को सीजनल जॉब दी है, जोकि इस साल जनवरी के सेल्स से तीन गुना अधिक है।
यह कहने की जरूरत नहीं है कि फेस्टिव सीजन में काम में काम बढ़ने से चुनौतियों में भी वृद्धि हो जाती है। 24 साल के अजीम शाह कहते हैं, ‘हम सुबह डिलिवरी मैप बनाते हैं, लेकिन अक्सर 4 क्लाइंट्स आपको कॉल करके कहेंगे कि किसी वजह से वे डिलिवरी जल्दी चाहते हैं और हमें मैप बदलना पड़ता है।’ 20 किलो वजन लेकर यहां से वहां जाना आसान नहीं होता। हालांकि अजीम का बोझ कुछ आसान हो जाता है जब वे अपनी सैलरी देखते हैं, जोकि तीन गुनी बढ़ चुकी है। घर-घर डिलिवरी देने वाले वर्कर केवल ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नहीं हायर किए जा रहे हैं। केक, लैपटॉप, डॉक्युमेंट्स और कपड़े जैसे त्वरित डिलिवरी सर्विस की मांग भी बढ़ चुकी है।