मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस धुंधले से वीडियो में दिख रहा है कि 30 सेकेंड के भीतर ईरान ने दो मिसाइल दागीं। यह वीडियो एक गांव में बने मकान की छत से बनाया गया है। ईरान ने शुरूआत में नानुकुर के बाद इस मामले में अपनी गलती मान ली थी।
पुलिस ने मामले में वीडियो बनाने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया है। यूएन एविएशन नियामक, ईरान के अनुरोध पर इस हादसे की जांच में शामिल हो रहा है।
ब्रिटिश राजदूत ने छोड़ा ईरान
ईरान में हिरासत के बाद गिरफ्तार हुए ब्रिटिश राजदूत ने देश छोड़ दिया है। सरकारी मीडिया एजेंसी इरना ने बताया कि राजदूत राबर्ट मैकेयर नोटिस जारी होने से पहले ही चले गए। मैकेयर गत शनिवार को एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के बाद चर्चा में आए थे। उन्हें प्रदर्शनकारियों को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को अमेरिका की ओर से आए नए समझौते के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। ट्रंप डील, कहे जा रहे इस प्रस्ताव में परमाणु मसले को सुलझाने की बात कही गई थी। ईरान ने इसे अजनबी सा प्रस्ताव बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की और कहा कि वह हमेशा वादा तोड़ देते हैं।
रूहानी ने वाशिंगटन को पुराने परमाणु समझौते पर लौटने के लिए कहा। वाशिंगटन के 2018 में इस समझौते से हटने के बाद ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था। तेहरान का कहना है कि वह पुराने समझौते को बनाए रखना चाहता है, लेकिन अगर इससे किसी तरह का फायदा न हो रहा हो तो इसे अनंत काल तक बनाये रखा नहीं जा सकता।
रूहानी ने कहा कि अगर आप गलत कदम उठाते हैं तो इससे आपको नुकसान ही होगा। सही रास्ते का चुनाव करें और परमाणु समझौते पर लौटने वाला ही सही रास्ता है। रूहानी ने कहा कि हम परमाणु मुद्दे पर जो कुछ भी कर रहे हैं वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की देखरेख में है।
गौरतलब है कि समझौते से हटने के अभी तक अपने सबसे बड़े कदम में, ईरान ने 5 जनवरी को घोषणा की थी कि वह यूरेनियम को समृद्ध करने की सभी सीमाओं को पार कर जाएगा।
रूहानी ने पश्चिम एशिया में तैनात यूरोपीय सैनिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे खतरे में हो सकते हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब रूहानी ने अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के समय यह धमकी दी।
यह बात ऐसे समय में कही गई है जब यूरोपीय संघ के तीन देशों ने आरोप लगाया है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम के 2015 के समझौते का पालन करने में विफल रहा है।
हालांकि उनके बयान जारी होने के बावजूद ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने संकेत दिए कि वह ट्रंप के साथ हुए व्यापक समझौते को वरीयता देंगे न कि 2015 के समझौते को।