इस बॉलीवुड की अभिनेत्री ने कबूला, हम खुद करवाते हैं खुद का रेप तब मिलता हैं हमे काम, मैंने खुद गुजारी हैं दर्द भारी रात !

अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मामले में महिलाएं भी बराबर की दोषी होती हैं लेकिन वो सारा का सारा अपराध पुरुषों के सिर रख देती हैं। उनका कहना है कि महिलाएं कुछ ज्यादा ही आरोप लगाती हैं। टिस्का का कहना है कि महिलाएं खुद ही अपने आप को शोषण की असुरक्षित स्थिति में ले जाती हैं, तो वो भी शोषण की दोषी हैं।

सोशल मीडिया पर #metoo कैंपेन के तहत रखी अपनी बात

इन दिनों सोशल मीडिया पर #metoo के नाम से सोशल मीडिया पर एक अभियान चल रहा है जिसमें महिलाएं अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में बता रहीं हैं। इसी में आम लड़कियों के साथ कई जानी-मानी हस्तियां भी अपनी बात रख रही हैं। इसी पर टिस्का ने अपनी बात कही है।

महिला होटल के कमरों में क्यों जाती है?

टिस्का चोपड़ा ने कहा कि ‘ये महिलाएं होटल के कमरों में क्यों जाती हैं? इन्हें खुद की सुरक्षा का खयाल नहीं? बतौर एक महिला मैं तो कहूंगी पहले खुद की रक्षा करो।’

टिस्का ने ट्वीट कर कहा- एक ख़राब ना का अर्थ हाँ है

टिस्का ने एक ट्वीट में लिखा था, ‘एक अस्थायी ना, विनम्र ना और ना का मतलब ‘आशंका’ हो सकती है। एक खराब ना का अर्थ हां है। मुझ पर थोड़ा और जोर दो मैं मान जाऊंगी।’

ट्वीट के बाद ट्रोल हुई टिस्का

अपने इस ट्वीट के बाद टिस्का सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गईं। उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने उनको लताड़ लगा दी।

यूजर्स ने पूछा सुरक्षित जगह कहा है?

एक यूजर ने कहा, सुरक्ष‍ित जगह कहां है? ऑफिस में?, कार में? या घर में? उत्पीड़न क‍हीं भी हो सकता है। कई लड़कियों ने भी सोशल मीडिया पर टिस्का के इस बयान को असंवेदनशील कहा। एक यूजर ने लिखा कि फिल्म इंडस्ट्री में लड़कियों को क्या देखना पड़ता है, इस पर टिस्का खुद सच्चाई बता चुकी हैं और फिर भी वो ऐसा कह रही हैं तो ये दुखद है।

टिस्का खुद भी पहुंची थी प्रोड्यूसर के कमरे तक

टिस्का चोपड़ा ने भले ही अब कमरे तक जाने वाली लड़कियों को बराबर का दोषी ठहरा दिया हो लेकिन बीते साल उन्होंने खुलासा किया था कि वो एक फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रोड्यूसर के कमरे में गईं थी।वहां उन्होंने प्रोड्यूसर के साथ वो सब किया जो उसने चाहा।

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