पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत आने का न्योता भेजा जाएगा इस साल के आखिर में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मेजबानी भारत करेगा, लिहाजा सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते मोदी सरकार इमरान खान को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। दोनों देशों के बीच बातचीत बंद होने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा, जब इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी एक कार्यक्रम में साथ आ सकते हैं।
आमतौर पर एससीअो में सरकारों के प्रमुखों की मीटिंग में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं। हालांकि, कुछ देशों के प्रधानमंत्री भी इसमें हिस्सा लेते हैं। भारत की बात की जाए तो उसकी तरफ से सरकारों के प्रमुखों की बैठक में विदेश मंत्री हिस्सा लेते हैं, जबकि एससीअो राष्ट्रप्रमुखों की मीटिंग में प्रधानमंत्री शिरकत करते हैं। क्योंकि पाकिस्तान भी एससीअोका सदस्य है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उसकी तरफ से कौन भारत आता है
हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान बैठक में भाग लेते हैं या नहीं, इस बारे में अंतिम निर्णय इस्लामाबाद लेगा। बता दें कि इस साल के अंत तक शंघाई सहयोग संगठन का सालान बैठक आयोजित किया जाएगा। भारत और पाकिस्तान दोनों जून 2017 में एससीओ के पूर्ण सदस्य बने थे।
फैसला पाकिस्तान ही करेगा
पाकिस्तानी पीएम के भारत दौरे पर आने का फैसला पूरी तरह पाकिस्तान पर रहेगा। लेकिन ‘प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी आमंत्रण भेजा जाएगा। ऐसे में पाकिस्तान पीएम की जगह किसी प्रतिनिधि को भी सम्मेलन में भेज सकता है।
इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत का दौरा कर चुके हैं। वर्ष 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार चुनाव जीत कर केंद्र की सत्ता में पहुंचे थे। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के मौके पर सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों का न्योता भेजा था। इसके बाद से पाक का कोई भी पीएम भारत के दौरे पर नहीं आया है। इससे पहले भारत साल 2005 में एससीओ में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ था। जून 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को संगठन में पूर्ण सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।