आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत में दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने महसूस किया कि समुद्री क्षेत्र विशेषकर भारत-प्रशांत इलाके में बहुत कुछ किया जा सकता है जहां चीन अपना पैर पसारने की कोशिश कर रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि इसी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर ट्रंप प्रशासन भी भारत-अमेरिकी सहयोग का पक्षधर रहा है।
बातचीत के बाद देश के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए भारत और फ्रांस जानकारी साझा करने की व्यवस्था को और विस्तार देंगे।
मंत्रालय ने कहा कि सैन्य संबंधों को विस्तार देने के मद्देनजर संयुक्त सैन्य अभ्यासों के मौके बढ़ाने पर भी दोनों देश सहमत हैं। विशेष रूप से साल 2018 की शुरुआत में वरुण नौसैनिक अभ्यास को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।
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