राजधानी जकार्ता के एक शहर देपोक में मस्जिद के बाहर शुक्रवार को पुलिस और स्थानीय सरकारी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे।
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गैरकानूनी गतिविधियों के कारण इसे बंद कराकर इसके बाहर एक तख्ती लगा दी गई। एक कट्टर इस्लामिक मोर्चा सहित एक समूह ने इसकी अहमदिया गतिविधि को हमेशा के लिए बंद कराने की रैली को सोशल मीडिया पर खूब फैलाया। इसमें कहा गया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा इसलिए हथियार लाने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं पर, ह्यूमनराइट्स वाच ने कहा कि अहमदिया धार्मिक समुदाय की स्थिति वर्ष 2008 से ही खराब होती जा रही है। दरअसल में 2008 में तब के राष्ट्रपति सुशीलो बंबांग युधोयोनो ने एक फरमान जारी करते हुए उसके अनुयायियों को अपने विचार के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी।