आम आदमी पार्टी में वालंटियर्स की बगावत का हाेने लगा असर

06_12_2016-06aap1आम आदमी पार्टी में वालंटियर्स की बगावत का असर हाेने लगा है। इस कारण लगातार घोषित प्रत्‍याशियों को बदला जा रहा है।

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। आम आदमी पार्टी में उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से कई जगहों पर वालंटियर्स की बगावत अब रंग लाने लगी है। पार्टी की तरफ से करवाए जा रहे सर्वे में उन उम्मीदवारों का करियर दांव पर लगा है जो अपने हलकों में वालंटियर्स को साथ लेकर नहीं चल पा रहे हैं। 98 उम्मीदवारों की अभी तक जारी की जा चुकी हर लिस्ट के बाद विवाद सामने आ रहे हैं। छठी लिस्ट में भी पार्टी ने नकोदर व बल्लुआना के उम्मीदवार बदल दिए थे।

दो माह पहले पार्टी के पूर्व कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर को हटाए जाने के बाद से वालंटियर्स का गुस्सा पार्टी के खिलाफ लगातार फूट रहा है। दूसरी तरफ छोटेपुर के समर्थक आप के नाराज वालंटियर्स को साथ जोडऩे का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते। छोटेपुर सेंधमारी करने में नहीं चूक रहे हैं। नकोदर के उम्मीदवार जगतार सिंह संघेड़ा के स्थान पर सरवण सिंह हेयर को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं बल्लुआना से पार्टी ने गिरिराज रजौरा के स्थान पर सिमरजीत सिंह को उम्मीदवार बना दिया है।

हेयर ने टिकट मिलने पर संघेड़ा के साथ होने को लेकर नकोदर में प्रेस कांफ्रेंस रखी थी, लेकिन संघेड़ा नहीं आए। मीडिया को सूचना थी कि संघेड़ा हेयर के साथ आकर संयुक्त कांफ्रेंस करेंगे, लेकिन संघेड़ा की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संघेड़ा के करीबी बताते हैं कि उन्होंने चुनाव प्रचार में लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं।

इसे लेकर पेंच फंसा है। अगर पार्टी व हेयर की तरफ से संघेड़ा को चुनाव प्रचार में खर्च धनराशि व समझौते की राशि मिल जाती है, तो उम्मीद है कि संघेड़ा ऐसे में हेयर के खिलाफ खुलकर सामने न आएं, अगर ऐसा नहीं होता है तो वह भी विरोध करने से नहीं चूकेंगे।

यही हाल बल्लुआना का है। बल्लुआना में भी गिरिराज को पार्टी ने वालंटियर्स की मांग को किनारे कर टिकट दे दी थी। बाद में वालंटियर्स चुनाव प्रचार में गिरिराज के साथ चले ही नहीं। नतीजतन पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया। ऐसा ही हाल भोआ के उम्मीदवार विनोद का भी रहा था। उन्होंने भी संजय सिंह व दुर्गेश पाठक पर ही सीधा एक करोड़ मांगने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी।

इससे पहले पार्टी के नेशनल काउंसिल के सदस्य पवित्तर सिंह सहित कई नेता यह आरोप लगा चुके हैं कि पार्टी प्रभारी संजय सिंह व दुर्गेश पाठक मोटी धनराशि वसूल कर टिकटें दे रहे हैं। बीते दिनों भोआ के उम्मीदवार के आरोपों को लेकर संजय सिंह को खुद सफाई देनी पड़ी थी कि अगर उन्होंने भ्रष्टाचार किया है तो गोली मार दी जाए। फिलहाल पार्टी को देर से ही सही यह समझ में आने लगा है कि वालंटियर्स के साथ चले बिना संबंधित सीटों पर चुनाव जीत पाना मुमकिन नहीं होगा।

टिकट तो एक को ही मिलनी है: वड़ैच

पार्टी के कन्वीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच घुग्गी का कहना है कि लगभग हर सीट पर 10 से ज्यादा दावेदारों ने उम्मीदवारी को लेकर दावेदारी कर रखी है। टिकट तो किसी एक को ही मिलनी है। जिन्हें टिकट नहीं मिल रहा है, वे दावेदार उल्टे-सीधे आरोप लगा रहे हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। नकोदर में संघेड़ा को जल्द नई जिम्मेदारी दी जाएगी। राजवीर कौर को कोई नाराजगी है तो वे पार्टी प्रभारी या उनके साथ संपर्क करके पहले नाराजगी जताएं।

 

 

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