महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा के नकाबपोश बदमाशों को आतंकवादी कहने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि इन हमलों की वजह से हमारे देश की इमेज पूरी दुनिया में खराब हो रही है. इन गुंडों को आंतकवादी कहना चाहिए, क्योंकि वे भी मुंह छिपाकर ही आते हैं. इस पर तय समय के अंदर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना विदेश के छात्र यहां पढ़ने नहीं आएंगे.

बता दें, रविवार शाम जेएनयू कैंपस में कुछ नकाबपोश बदमाशों ने छात्रों पर हमला कर दिया जिसमें 30 से ज्यादा छात्र घायल हो गए. इस घटना के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और लेफ्ट संगठन के छात्रों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है. इस बीच कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने जेएनयू हिंसा की कड़ी निंदा की है और सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की है.
जेएनयू में सोमवार को पीएचडी, एएमएससी, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस के छात्रों की परीक्षा होनी थी लेकिन रविवार रात हुई हिंसा के बाद अब अधिकांश छात्रों ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया है.
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को सुरक्षित माहौल देने में नाकाम रहा है और इस कदर असुरक्षित माहौल में परीक्षा देना संभव नहीं है.
जेएनयू में सोमवार से विंटर सेमेस्टर शुरू होना था. इसके लिए बाकायदा कई छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी करवाया था. रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों को सोमवार 2.30 बजे तक परीक्षा केंद्र में पहुंचना था. लेकिन रविवार की हिंसा बाद अब ज्यादातर छात्रों ने परीक्षा में शामिल न होने का फैसला किया है.
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