आदित्य ठाकरे इसी कार्यकाल के अंत में अपने पिता उद्धव ठाकरे की जगह महाराष्ट्र में सरकार की कमान संभाल सकते हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसी रणनीति के तहत आदित्य को अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया है।
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दरअसल सरकार बनाने की प्रक्रिया पर बातचीत के दौरान कांग्रेस और एनसीपी के समक्ष शिवसेना ने शुरू में आदित्य को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा था।
तब आदित्य की प्रशासनिक अनुभवहीनता का हवाला देते हुए दोनों दलों ने उद्धव के नाम पर सहमति दी थी। हालांकि अब शिवसेना ने आदित्य को जिम्मेदारी दे कर उनका सियासी कद बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया है।
शिवसेना सूत्रों के मुताबिक पार्टी शुरू से ही आदित्य को सीएम बनाना चाहती थी। इसी रणनीति के तहत पहली बार ठाकरे परिवार से आदित्य के रूप में कोई सदस्य चुनाव मैदान में उतरा।
अगर भाजपा शिवसेना का प्रस्ताव मानती तो आदित्य ही सीएम होते। हालांकि शिवसेना ने सरकार बनाने की प्रक्रिया पर बातचीत के दौरान पहले सीएम पद के लिए आदित्य का नाम ही आगे किया था।
हालांकि तब कांग्रेस और एनसीपी ने आदित्य की उम्र, प्रशासनिक अनुभवहीनता जैसे कई विषयों को उठाते हुए खुद उद्धव को सरकार की कमान संभालने केलिए राजी किया। इसमें खासतौर पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भूमिका निभाई।