भारत ने आतंकवाद पर काफी समय से लंबित समझौते के लिए एक सामूहिक इच्छाशक्ति का अभाव होने की आलोचना की है और इसे तत्काल स्वीकार किए जाने की मांग की है। भारत ने इस बात का उल्लेख किया है कि आतंकी तत्वों द्वारा नरसंहार के हथियारों का प्रसार वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है।चर्चा का विषय ‘आतंकी तत्वों द्वारा नरसंहार के हथियारों का प्रसार था। उन्होंने कहा कि तीन दशक से अधिक समय से आतंकवाद के पीड़ित के रूप में भारत नरसंहार के हथियारों के आतंकी तत्वों और आतंकवादियों को हस्तांतरण के खतरों की जानकारी है।
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