मेष:-आज आपका स्वास्थ्य कुछ हद तक नरम -गरम रह सकता है। दिन भर सुस्ती रहेगी। व्यवसाय में मन नहीं लगेगा। धन के लेन-देन में सावधान रहें। पब्लिक रिलेशन संबंधित कार्य सफल होंगे।
राशिरत्न:-मूँगा
वृषभ:-आज कार्यक्षेत्र में काम का दबाव बढ़ेगा। प्रेम संबंधों के चलते करियर पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। समय मौजमस्ती में बीतेगा। राजनीतिक कार्यों में सक्रियता बढ़ेगी।यात्रा से लाभ मिलेगा।
राशिरत्न:-हीरा,ओपल
मिथुन:-आज आपको सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी । करियर में उन्नति होगी। अधिकारीगण सहयोग करेंगे। कार्यक्षेत्र से मुश्किलें हटेंगी। यात्रा से मन प्रसन्न रहेगा।
राशिरत्न:-पन्ना
कर्क:-आज व्यापारिक सफलता से लंबित मसले हल होने से । कार्यक्षेत्र में श्रम की अधिकता वश थकान रहेगी। व्यर्थ की भाग दौड़ करनी पड़ सकती है। विरोधी भी आज आपका सहयोग करेंगे।
राशिरत्न:-मोती
सिंह:-आज व्यापार में आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। विरोधी पक्ष परास्त होंगे। विपरीत स्थितियों पर जीत मिलेगी। व्यवसाय में विस्तार होगा। जीवन साथी के घूमने फिरने भी जा सकते है।
राशिरत्न:-माणिक्य
कन्या:-आज व्यापार में उन्नति मिलेगी। आय में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में मेहनत का लाभ मिलने से उत्साहित रहेंगे। विद्यार्थियों को मनोनुकूल सफलता मिलेगी।
राशिरत्न:-पन्ना
राशिरत्न:-हीरा,ओपल
वृश्चिक:-आज करियर की चिंता रहेगी। सहकर्मियों के असहयोग से निराश होना संभव है। व्यावसायिक लाभ कम होगा। निराश न हो परिस्थितियां जल्द ही पक्ष में होंगी।
राशिरत्न:-मूँगा
धनु:-आज आप व्यापारिक समस्या के समाधान से उत्साहित होंगे। पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा। करियर में वरिष्ठों के अनुभव से लाभ होगा। व्यावसायिक रणनीति बनाएंगे।
राशिरत्न:-पुखराज
मकर:-आज आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। पर्सनल व प्रोफैशनल परेशानियां दूर होंगी। व्यापार से उत्तम धनलाभ होगा। अपने सहयोगियों के दबाव वश गलत काम करना पड़ेगा।
राशिरत्न:-नीलम
कुंभ:-आज आपका व्यापार उत्तम रहेगा , शैक्षिक कार्यों में आप को लाभ होगा।शारीरिक दुर्बलता आपके दैनिक जीवन को थोड़ा परेशान कर सकती है। आपकी सामाजिक कार्यशैली लाभकारी रहेगी।
राशिरत्न:-नीलम
मीन:-आज कार्यक्षेत्र व व्यवसाय में अनुकूलता रहेगी। आर्थिक विकास होगा। सम्मान बढ़ेगा। सहकर्मी सहयोग करेंगे पर घटनाक्रम में फंसे रहेंगे। हाई प्रोफाइल लोगों संग पार्टी करेंगे।
राशिरत्न:-पुखराज
।। आज के दिन का विशेष महत्व ।।
1. आज ग्रीष्मऋतु ज्येष्ठमाह शुक्लपक्ष षष्ठी तिथि मंगलवार दिन है।
।। प्रेरणा दायक दोहा ।।
सौंपे भूप रिषिहि सुत बहु बिधि देइ असीस।
जननी भवन गए प्रभु चले नाइ पद सीस।।
अर्थ:-गोस्वामी तुलसीदास जी वर्णन करते है महाराज श्री दशरथ जी महर्षि विश्वामित्र जी को अपने दोनों पुत्रों को बहुत आशीष दे कर सौपें ततपश्चात माताओं के भवन में गए और प्रणाम कर के गुरुदेव विश्वामित्र जी के साथ चल पड़े।