आज का भारत समस्या के समाधान के लिए प्रयोगों से नहीं डरता और बड़े स्तर पर काम करने से भी पीछे नहीं हटता : PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम के तेजपुर यूनिवर्सिटी के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 1200 से ज्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है।

उन्होंने भारतीय टीम का जिक्र करते हुए बताया कि खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद लड़ाई को जारी रखा और ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचा। कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया के अनेक देशों को सुरक्षा कवच का विश्वास दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है।

नई शिक्षा नीति (एनईपी) डाटा विश्लेषण के लिए हमारी शिक्षा नीति को मजबूत करती है, जिससे प्रवेश, शिक्षण और मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया में मदद मिलेगी। मुझे यकीन है कि एनईपी 2020 के इन लक्ष्यों को साकार करने में तेजपुर विश्वविद्यालय प्रमुख भूमिका निभाएगा।

अब हमारे वैक्सीन से जुड़े रिसर्च और उत्पादन से जुड़ी क्षमता, भारत के साथ ही दुनिया के अनेक देशों को सुरक्षा कवच का विश्वास दे रही है।

आज का भारत समस्या के समाधान के लिए प्रयोगों से भी नहीं डरता और बड़े स्तर पर काम करने से भी पीछे नहीं हटता। हर गरीब परिवार को घर देने का अभियान भारत में। हर घर जल पहुंचाने का अभियान भारत में। सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना भारत में। अब सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में।

हम अपनी सभी आशाओं और प्रयासों का अनुभव कर सकते हैं। बदलाव क्या है? क्या यह केवल संसाधनों या भौतिक अवसंरचना में बदलाव या आर्थिक बदलाव हो सकता है?

भारत ने त्वरित, सक्रिय निर्णय लिए और समस्या के बढ़ने का इंतजार नहीं किया। मेड इन इंडिया समाधानों के साथ, हमने वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया और हमारे स्वास्थ्य ढांचे में सुधार किया।

घायल होने के बाद भी वे जीत के लिए संघर्ष करते रहे और नए समाधान खोजते रहे। कुछ खिलाड़ी कम अनुभवी हो सकते हैं, लेकिन उनकी बहादुरी कम नहीं थी। उन्होंने सही प्रतिभा और स्वभाव के साथ इतिहास रचा।

दूसरा- विश्वविद्यालय में आपका काम बहुत उत्साह जगाने वाला है। तीसरा- पूर्वी भारत के सामर्थ्य पर, राष्ट्र निर्माण के लिए यहां के लोगों के प्रयासों पर मेरा ही नहीं देश का भी अटूट विश्वास है। इस भरोसे की कई वजह भी हैं- एक- तेजपुर के इस ऐतिहासिक स्थान से मिलने वाली प्रेरणा।

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के दृष्टिकोण में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है। पहला टेस्ट हारने के बाद भी उन्होंने लड़ना जारी रखा।

कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने का प्रभाव बड़े पैमाने पर भी है। फसलों के अवशेष हमारे किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती रहे हैं। जैव-गैस और जैव उर्वरकों से संबंधित तकनीक पर जो काम आप कर रहे हैं, वह भारत की एक बड़ी समस्या को हल कर सकता है।

आपने जो सीखा है वो असम की प्रगति को, देश की प्रगति को नई ऊंचाई देगा। कोरोना के काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी शब्दावली का अहम हिस्सा हो गया है। हमारे अंदर वो घुल मिल गया है। हमारा पुरुषार्थ, हमारे संकल्प, हमारी सिद्धि, हमारे प्रयास ये सब हम अपने ईर्द-गिर्द महसूस कर रहे हैं।

मुझे यकीन है कि आपने तेजपुर विश्वविद्यालय में जो कुछ सीखा है वह इस क्षेत्र और भारत की प्रगति को बढ़ावा देगा। श्री भूपेन हजारिका द्वारा लिखित विश्वविद्यालय गान इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

हमारी सरकार आज जिस तरह नार्थ ईस्ट के विकास में जुटी है, जिस तरह कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य हर सेक्टर में काम हो रहा है, उससे आपके लिए अनेकों नई संभावनाएं बन रही हैं। इन संभावनाओं का पूरा लाभ उठाइये।

आपने जमीनी स्तर के नवाचारों में ‘वोकल फॉर लोकल’ को जोड़ा है। ये नवाचार स्थानीय समस्याओं को सुलझाने में मदद कर रहे हैं और इस प्रकार, विकास के नए द्वार खोल रहे हैं।

हमारा राष्ट्र इस वर्ष स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। असम के असंख्य लोगों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है। अब, यह आप पर है कि आप आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने जीवन का उपयोग करें।

आज 1200 से ज्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है। आपके शिक्षक, आपके माता पिता के लिए भी आज का दिन बहुत अहम है। सबसे बड़ी बात आज से आपके करियर के साथ तेजपुर विश्वविद्यालय का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है।

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