नई दिल्ली : 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में 100 साल के बुजुर्ग श्याम शरण नेगी मतदाता के रूप में शामिल होंगे। बता दें कि श्याम शरण नेगी 100 साल की उम्र में आजाद भारत के पहले वोटर हैं जो चुनाव में मतदान करेंगे। नेगी के स्वागत के लिए सरकार ने अच्छी खासी तैयारियां कर ली हैं।
खबर के मुताबिक, आजाद भारत के पहले 100 साल के मतदाता श्याम शरण नेगी के लिए पोलिंग स्टेशन पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। देश के सबसे पहले मतदाता श्याम शरण नेगी भारत के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के कल्पा में रहते हैं। नेगी एक रिटायर्ड शिक्षक हैं और उनकी उम्र 100 साल हो चुकी है। जब लोग मतदान करने में कोई खास रुचि नहीं दिखाते थे तब नेगी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत थे। नेगी को चलने-फिरने में परेशानी के चलते किन्नौर प्रशासन ने उनके लिए बूथ स्थल तक वाहन की सुविधा देने की योजना बनाई है। देश भर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर इलाके को ही चुना गया। उस समय किन्नौर में श्याम शरण नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी।
दरअसल आजादी के बाद जब देश में पहली बार चुनाव हुए तब चुनाव आयोग ने किन्नौर में समय से पहले ही मतदान कराया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, इस लिहाज से इन इलाकों में भारत के अन्य हिस्सों से पहले ही मतदान कराने का फैसला लिया गया। चुनाव आयोग ने जहां देशभर में चुनाव जनवरी-फरवरी 1952 में कराने के आदेश दिए वहीं किन्नौर में 25 अक्टूबर 1951 में चुनाव कराए गए। तब नेगी देश के पहले मतदाता बने थे जिन्होंने आजाद भारत में मंडी-महासु (मंडी) संसदीय क्षेत्र के लिए वोट डाला।
गौरतलब है कि देश भर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर इलाके को ही चुना गया। उस समय किन्नौर में श्याम शरण नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी। उस समय सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी। साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था। मतपेटी तो थी नहीं, ऐसे में श्याम शरण नेगी ने टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया। अब मतदान की बारी थी। हालात ऐसे थे कि कोई भी व्यक्ति मतदान के लिए मौजूद नहीं था, तो नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया। ये 25 अक्टूबर 1951 की बात थी। खुद वोट डालने के बाद उन्होंने महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया। उनके इस प्रयास को देश भर में सराहना मिली थी। भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम शरण नेगी के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया।