समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय और सांसद अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में ही उनके लापता होने के पोस्टर लगे हैं। बुधवार को आजमगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और नागरिकता जनसंख्या रजिस्टर(एनआरसी) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में महिलाओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर अखिलेश यादव की चुप्पी पर पोस्टर के द्वारा निशाना साधा गया है।
आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज के जोहर पार्क में सीएए और एनआरसी के विरोध में मुस्लिम महिलाओं पर लाठीचार्ज को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने ही संसदीय क्षेत्र में लोगों के निशाने पर हैं। इस मामले में उनकी चुप्पी और आजमगढ़ से दूरी को लेकर पोस्टर वार शुरू कर दिया गया है।
अखिलेश यादव के लापता होने को लेकर शहर के मुसाफिरखाना और कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पोस्टर चिपकाए गए हैं। पोस्टर में जिक्र किया गया है कि सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर हुई पुलिसिया बर्बरता पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं?
अखिलेश यादव के लापता होने को लेकर शहर के मुसाफिरखाना और कलेक्ट्रेट क्षेत्र में पोस्टर चिपकाए गए हैं। पोस्टर में जिक्र किया गया है कि सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम महिलाओं पर हुई पुलिसिया बर्बरता पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं?
अखिलेश यादव 2019 के चुनाव के बाद से लापता हैं। पोस्टर में दर्शाया गया है कि इसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विभाग की ओर से जारी किया गया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई है। उन्होंने पोस्टर चिपकाना स्वीकार किया है।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और आजमगढ़ सांसद अखिलेश यादव ने ट्विटर पर ट्वीट कर पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि हर मंच से गोली की बात करने वाले संवैधानिक मूल्यों की बात कब करेंगे? शांतिपूर्वक धरना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। आजमगढ़ में पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दी और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं! पार्टी के विधायक और संगठन बिलरियागंज में लोगों की सेवा कर रहे हैं!