आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को संघचालकों की बैठक के दौरान कहा कि हमें राजनीति से बचना चाहिए। राष्ट्र को परम वैभव और शिखर तक पहुंचाने के लिए हमें जुटना होगा। रही बात सत्ता की तो समाज की इच्छा थी कि नमो-नमो हो। संघचालकों से संवाद के दौरान राम जन्मभूमि और धारा 370 जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
आरबीएस के बिचपुरी कैंपस सभागार में संघ प्रमुख ने ब्रज प्रांत के संघचालकों के साथ हुए जिज्ञासा समाधान सत्र में कहा कि धारा 370 समाप्त हो ये चाहते हैं, लेकिन सभी काम व्यवस्थित तरीके से होने चाहिए। एक सवाल के जवाब में भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हमें अभी न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा है। आशा है कि फैसला अनुकूल ही आएगा। सवालों की प्रक्रिया में एक संघचालक द्वारा पूछा गया कि हम चुनाव में काम करते हैं, कई तरह के वादे भी करने पड़ते हैं।
चुनाव बाद लोगों की हमसे अपेक्षा बढ़ जाती हैं, ऐसे में हमारे पास कोई उत्तर नहीं होता है। इस पर संघ प्रमुख ने कहा कि अब तक 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। हमने पांच में काम किया होगा। ऐसे में चुनाव पर हमें ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए। हमें अपना काम निरंतरता में करते रहना चाहिए। इससे पूर्व उन्होंने संघचालकों को अनुशासन की घुट्टी पिलाते हुए कहा कि भाषण, बौद्धिक से नहीं संघ के स्वयंसेवकों के आचरण से उनकी पहचान होती है।
इसलिए संघचालकों को चाहिए कि वे जो कार्य, व्यापार कर रहे हों उसे पूरी ईमानदारी के साथ करें। लोग उनके प्रतिष्ठानों का उदाहरण दें। संघ प्रमुख ने कहा कि संघचालक समाज में संघ का चेहरा है। जब-जब प्रतिबंध लगे तो आपको जेल यात्रा भी करनी पड़ी है, वहीं मंच भी आप ही लोग साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की रक्षा और समाज में समरसता लाना ही हमारा उद्देश्य है। परिस्थिति जब ज्यादा विषम होती है, तो विचारधारा को प्रवाह में लाने के लिए काम करना होता है।