दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिम विहार में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और छंटाई के मामले में नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल ने एमसीडी के रवैये को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया और एक सप्ताह के अंदर राशि जमा करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता ख्याति आनंद ने फरवरी-मार्च 2024 में क्षेत्र में अवैध रूप से 250 से अधिक पेड़ों की कटाई और 20 से ज्यादा पेड़ों की ऊपरी शाखाओं की भारी छंटाई का आरोप लगाया था। संयुक्त समिति की जांच रिपोर्ट ने इन आरोपों की पुष्टि की।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई पेड़ों की अत्यधिक छंटाई की गई जबकि कटे पेड़ों की लकड़ी पंजाबी बाग के श्मशान घाट में भेजने का दावा किया गया लेकिन परिवहन की कोई अनुमति या दस्तावेज पेश नहीं किए गए। तीन पेड़ मृत पाए गए लेकिन बदले में नए पेड़ नहीं लगाए गए। साथ ही, कई पेड़ों के आसपास सीमेंट की पक्की सतह बना दी गई जिसे एनजीटी के पुराने आदेशों के बावजूद नहीं हटाया गया।
वहीं, एमसीडी ने बचाव में कहा कि छंटाई का काम ठेकेदार का था। उस पर निगम का नियंत्रण नहीं था जिसे अधिकरण ने सिरे से खारिज कर दिया। पीठ ने इसे एमसीडी की लापरवाही बताया। अधिकरण ने एमसीडी को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया है लेकिन जुर्माने के साथ चेतावनी दी कि आगे ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
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