नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के सिलसिले में पाकिस्तान चाहे जो कुछ भी कहता हो, हकीकत तो यही है कि उसकी मिट्टी से उसके संरक्षण में आतंकी संगठनों ने भारत में दहशतगर्दी को अंजाम दिया था। अमेरिका ने भारत को अमेरिकी दस्तावेजों का एक हजार पन्नों का साक्ष्य सौंपा है, जिससे साफ होता है कि जैश-ए-मुहम्मद का हैंडलर कासिफ जान पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार दहशतगर्दों के संपर्क में था।
अमेरिकी दस्तावेजों से पकिस्तान का असली चेहरा आया सामने
अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों से पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है। उसका असली चेहरा अंतरराष्ट्रीय जगत के सामने आ चुका है।आतंकियों के बीच बातचीत से ये साफ होता है कि कराची के सेफ हाउस से 2008 में मुंबई को दहलाने वाले लोग ही पठानकोट हमले को भी संचालित कर रहे थे। इस नापाक हरकत को अंजाम देने वाले दहशतगर्दों को पाकिस्तान की सरपरस्ती हासिल थी।
कासिफ जान के संपर्क में थे दहशतगर्द
पठानकोट हमले में मारे गए नसीर हुसैन(पंजाब), अबु बकर(गुंजरावाला), उमर फारुख और अब्दुल कयूम (सिंध) अस्सी घंटे तक चलने वाले आतंकी वारदात के दौरान जैश के हैंडलर कासिफ जान के साथ लगातार संपर्क में बने हुए थे।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक कासिफ जान जैश के दूसरे बड़े आकाओं के साथ भी लगातार संपर्क में था। जांच में ये बात भी सामने आयी है कि कासिफ और दूसरे आतंकी ह्वाट्स ऐप और दूसरे सोशल साइट्स के जरिए संपर्क में थे।
इतना ही नहीं कासिफ अपने फेसबुक अकाउंट पर जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करता था, उसी नंबर पर दहशगर्तों ने एसपी सलविंदर सिंह की छीनी मोबाइल से बात की थी।