वाशिंगटन। अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल मामले की जांच में नया रहस्योद्घाटन हुआ है। अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को दिए लिखित बयान में फेसबुक ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान रूसी एजेंटों ने उसके सोशल मीडिया नेटवर्क पर 129 कार्यक्रम किए थे। इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप विजेता बनकर उभरे और अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने। ज्ञात हो कि रूसी हस्तक्षेप मामले की कई संसदीय समितियों के अलावा विशेष वकील रॉबर्ट मुलर भी जांच कर रहे हैं।
दुनिया की दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अमेरिकी सांसदों को आठ जनवरी को लिखित बयान दिया था। इसे गुरुवार को जारी किया गया। इसमें बताया गया है कि इन कार्यक्रमों को 3,38,300 फेसबुक अकाउंट पर देखा गया और 62,500 यूजर ने चिह्नित किया था कि वे इनमें शामिल होंगे। लेकिन फेसबुक के पास ये जानकारी नहीं है कि ये कार्यक्रम कब हुए थे? फेसबुक ने बीते सितंबर में सिर्फ इतना बताया था कि रूस ने कई प्रचार कार्यक्रम किए थे। इन कार्यक्रमों से जुड़े फेसबुक पेजों से पता चला कि इनमें कुछ राजनीतिक रैलियां थीं, जो आव्रजन जैसे विभाजनकारी विषयों पर आधारित थीं। फेसबुक ने मामले की जांच कर रही अमेरिकी सीनेट की खुफिया मामलों की समिति के सवालों पर लिखित में यह ब्योरा दिया है।
एक तिहाई अमेरिकियों ने देखी थी रूसी चुनाव सामग्री
राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल मामले की जांच कर रही सीनेट की खुफिया मामलों की समिति ने बीते एक नवंबर को फेसबुक, ट्विटर और गूगल को तलब किया था। उस समय फेसबुक ने बताया था कि चुनाव के दौरान करीब 12.6 करोड़ लोगों यानी करीब एक तिहाई अमेरिकी आबादी ने रूस समर्थित प्रचार सामग्री देखी थी।
रूस, ट्रंप कर चुके हैं इन्कार
रूस अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के उन निष्कर्षों को खारिज कर चुका है कि उसने अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप का प्रयास किया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी विपक्षी नेताओं के उन आरोपों को नकार चुके हैं कि वह रूसी सांठगांठ से चुनाव जीते थे। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि वह मामले में जांचकर्ता मुलर की पूछताछ का सामना करने को तैयार हैं।