अमेरिका के हवाई प्रांत में आज सुबह काफी अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। बैलिस्टिक मिसाइल हमले की चेतावनी वाले अलार्म ने द्वीपवासियों के बीच हड़कंप पैदा कर दिया। हालांकि बाद में इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की कि गलती से मिसाइल हमले की चेतावनी का अलार्म बज गया था और हवाई प्रांत बिल्कुल सुरक्षित है। एजेंसी ने इस अलार्म को एक गलती करार दिया।
आपको बता दें कि सुबह 8 बजकर 7 मिनट (हवाई का स्थानीय समय) पर सभी फोन पर एक आपातकालीन चेतावनी भेजी गई, जिसमें कहा गया कि हवाई की सीमा के आसपास बैलिस्टिक मिसाइल से हमले का खतरा है। तत्काल आश्रय की तलाश करें। मगर इस घटना के लगभग 10 मिनट बाद हवाई आपात प्रबंधन एजेंसी ने ट्वीट किया कि ऐसा कोई खतरा नहीं है। मिसाइल से हवाई को कोई खतरा नहीं हैं। वहीं, 8 बजकर 45 मिनट पर दूसरा आपातकालिन अलर्ट जारी हुआ।
हवाई आपात प्रबंधन एजेंसी ने कहा, ‘राज्य को किसी भी मिसाइल से कोई भी खतरा नहीं है। यह झूठी चेतावनी थी।’ अमेरिका की सैन्य इकाई ने अलग से बयान जारी कर रहा कहा, ‘ हवाई पर कोई बैलिस्टिक मिसाइल का खतरा नहीं पाया, इससे पहले का संदेश गलती से भेजा गया था।’ व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव लिंडसे वॉल्टर्स ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हवाई आपातकालीन प्रबंधन की उपयोग की जानकारी दी गई है। यह विशुद्ध रूप से राज्य द्वारा किया गया उपयोग था।
उत्तर कोरिया से खतरे पर फूटा गुस्सा
डेमोक्रैटिक पार्टी की कांग्रेस महिला टुल्सी गैबार्ड ने कहा कि इस घटना ने हवाई के लोगों को परमाणु हमले की वास्तविकता का एहसास दिलाने का काम किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘फोन पर यह सूचना जारी की गई कि बैलिस्टिक मिसाइल का खतरा है, तत्काल सब आश्रय की तलाश कर लें। हवाई के दस लाख से अधिक लोगों का इस खतरनाक वास्तिवकता से गुजरना पड़ा कि 15 मिनट के अंदर आश्रय खोजना होगा। यह सोचकर कि खुद को और अपने परिवार को परमाणु हमले से सुरक्षित रखने के लिए मुझे कहां जाना है, मगर कहीं जाने और कहीं भी छिपने की जगह नहीं हैं।’
गैबार्ड ने कहा, ‘अमेरिका में हर किसी को यह समझने की जरूरत है कि यदि आपको भी इस परिस्थिति से गुजरना पड़े, तो आप भी उतना ही क्रोधित होंगे जितना मैं हूं। मैं सालों से इस खतरे की गंभीरता पर बोलती आईं हूं।’ गैबार्ड ने ट्रंप की निंदा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया से परमाणु खतरे से गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने बिना शर्त प्योंगयांग से सीधी बातचीत शुरू करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कहा कि ट्रंप मामले को लंबा ले जा रहे हैं, यह वक्त तेवर दिखाने का नहीं है। उन्हें इस खतरे को गंभीरता से लेना चाहिए और उत्तर कोरिया से सीधी वार्ता शुरू करनी चाहिए।
गैबार्ड ने कहा कि हवाई और अमेरिका के लोग कभी भी परमाणु खतरे से गुजरना नहीं चाहते हैं। हम शांति चाहते हैं न कि राजनीतिक झड़प। हमें उत्तर कोरिया से बात करनी चाहिए ताकि परमाणु खतरे से समस्या का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती तनातनी
एक जनवरी को उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था, ‘अगर अमेरिका की ओर से धमकाने की कोशिश जारी रही तो उत्तर कोरिया परमाणु हमला करने से नहीं चूकेगा। पूरा अमेरिका हमारे निशाने पर है। परमाणु हथियारों के साथ मिसाइलें हमले के लिए तैनात हैं। उन मिसाइलों को छोड़ने का बटन मेरी टेबिल पर है। यह धमकी नहीं, हकीकत है।’
– किम जोंग की धमकी के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके पास अपेक्षाकृत ‘बहुत बड़ा’ और ‘अधिक शक्तिशाली’ परमाणु बटन है।
– कोरिया ने पिछले साल सितंबर महीने में सबसे शक्तिशाली हाईड्रोजन बम का परीक्षण किया था और नवंबर के अंत में एक शक्तिशाली आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया था।
– अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बीच बढ़ते तनाव ने दुनिया भर को गहरी चिंता में डाल दिया है।
– ट्रंप ने जहां किम जोंग-उन को ‘रॉकेट मैन’ बताया था, वहीं उत्तर कोरिया नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ‘सनकी बुड्ढ़ा’ कहा था।