अमित शाह के 5 काम, जिसके दम पर BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी

अमित शाह के 5 काम, जिसके दम पर BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के पार्टी अध्‍यक्ष के रूप में बुधवार को तीन साल पूरे हो गए हैं. यह मौका इसलिए भी अहम है क्‍योंकि इसी समय वह गुजरात से पहली बार राज्‍यसभा पहुंचे हैं.अमित शाह के 5 काम, जिसके दम पर BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी

दूसरी अहम बात यह है कि अभी दो सप्‍ताह पहले ही बिहार में भी नीतीश कुमार के साथ गठबंधन कर सत्‍ता में पहुंची है. राजनीतिक विश्‍लेषक इस वक्‍त बीजेपी के दौर को उसका ‘गोल्‍डन पीरियड’ कह रहे हैं हालांकि अमित शाह ऐसा नहीं मानते. उनके मुताबिक अभी पार्टी को बहुत आगे जाना है और उसका सर्वश्रेष्‍ठ समय आना अभी बाकी है. वह उसी लक्ष्‍य के साथ आगे भी बढ़ रहे हैं. इस पृष्‍ठभूमि में आइए जानते हैं कि अमित शाह के हाथ में पार्टी की बागडोर आने के बाद बीजेपी कहां से कहां पहुंची है:

1. कांग्रेस के बाद बीजेपी पहली ऐसी पार्टी बन गई है जिसकी 18 राज्‍यों में सत्‍ता है. इनमें से सात राज्‍य ऐसे हैं जहां पहली बार पार्टी सत्‍ता में आई है. लोकसभा और राज्‍यसभा में पार्टी के सबसे ज्‍यादा सदस्‍य हैं. राज्‍यसभा में पिछले दिनों 58 सदस्‍यों के साथ यह कांग्रेस को पछाड़कर उच्‍च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

2. 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से इस वक्‍त अमित शाह 110 दिवसीय राष्‍ट्रव्‍यापी दौरा कर रहे हैं. इन तीन वर्षों में अमित शाह ने देश भर में 5,60,000 किमी की यात्रा की है. 303 आउट स्‍टेशन टूर किए हैं. देश के 680 में से 315 जिलों की यात्रा की है.  

3. अमित शाह ने अध्‍यक्ष बनने के बाद सदस्‍यता अभियान शुरू किया और उसका नतीजा यह हुआ कि 2015 में ही पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या 10 करोड़ से भी पार हो गई. यह पहला प्रयास था जब पार्टी को सीधे जनता के साथ जोड़ने का व्‍यापक स्‍तर पर प्रयास किया गया. इसके चलते बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी. इस अभियान के पहले बीजेपी के 3.5 करोड़ सदस्‍य थे. इसके बावजूद पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में 17.16 करोड़ वोट पाकर अपने बूते पहली बार सत्‍ता में आने का इतिहास रचा.

4. अमित शाह ने पार्टी के परंपरागत वोटबैंक को बढ़ाने के लिए राज्‍यवार सोशल इंजीनियरिंग के नए फॉर्मूले पर जोर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी ने 80 में से 71 सीटें जीतीं और राज्‍य में हालिया हुए विधानसभा चुनावों में 403 सीटों में से 312 पर कामयाबी का नया इतिहास रचा. बीजेपी को 2012 के विधानसभा चुनावों में 1.3 करोड़ वोट मिले और अबकी बार 2017 में 3.4 करोड़ मत मिले. वोट बेस में यह बढ़ोतरी बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग की कामयाबी को दर्शाता है.

5. 2019 के लिहाज से अमित शाह का इस वक्‍त फोकस उन राज्‍यों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है जहां फिलहाल बीजेपी कमजोर स्थिति में है. इस लिहाज से पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में वह पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हैं. इन राज्‍यों की कुल 120 लोकसभा सीटें हैं.

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