इससे पहले पीएम मोदी ने अपनी म्यांमार यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कुछ बड़े ऐलान भी किये। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारतीय जेलों में बंद म्यांमार के 40 मछुआरों को छोड़ने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत-म्यांमार संबंधों के आधार पांच ‘बी’ के बारे में कहीं पढ़ा था जोकि बुद्धिज्म, बिजनेस, बॉलीवुड, भरतनाट्यम और बर्मा टेक हैं। उन्होंने कहा, कि एक ‘बी’ अभी गायब है और वो है भरोसा।
उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरा विश्व हमारा परिवार है, यही विचारधारा हमारी परंपरा है और हमें अपनी परंपरा पर गर्व है। पीएम ने कहा कि हम देश के हित में बड़े और कड़े फैसले लेने से बिल्कुल नहीं घबराते।पीएम ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि वह बहुत सक्रिय हैं और पूरी दुनिया के प्रत्येक भारतीय नागरिक के प्रति संवेदनशील है और मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।
गरीबी, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से मुक्त भारत
उन्होंने कहा कि हम गरीबी, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से मुक्त भारत बना रहे हैं।हमारे लिए दल से बड़ा देश है, हम भारत को बदल नहीं रहे बल्कि उसका निर्माण कर रहे हैं। ये वो धरती है जहां से सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। पीएम ने कहा कि योग की वैश्विक मान्यता आपकी उपलब्धि है क्योंकि इसे भारत के द्वारा दुनिया के सभी कोनों में ले जाया गया है।
पीएम ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास म्यांमार को नमन किए बिना पूरा नहीं हो सकता। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद बादशाह बहादुर शाह जफर को दो गज जमीन म्यांमार में ही मिली थी। उन्होंने कहा कि मैं इस बात का गवाह हूं कि मेरे सामने एक मिनी भारत दिख रहा है।