प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार ने जनता के लिए बुधवार को एक बड़ी राहत दी। अभी तक दिल के मरीजों को पड़े वाले स्टंट की कीमत घटाने वाली इस सरकार ने गठिया रोग से पीडि़त मरीजों के घुटने बदलवाने वालों के लिए भी बड़ी राहत की घोषणा की है। सरकार का यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
इसकी कीमत डेढ़ लाख रुपये से घटाकर 55 हजार रुपये पर सीमित कर दी गई है। सरकार के इस आदेश पर अमल न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। केंद्रीय केमिकल व फर्टिलाइजर मंत्री अनंत कुमार ने यह घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन में की।
उन्होंने कहा कि हृदय रोग से पीडि़त मरीजों के लिए जहां पहले बहुत महंगे स्टेंट मिलते थे उसके मूल्य में कटौती कर उसे आम लोगों की पहुंच में ला दिया। इसी तरह घुटने से पीडि़त लोगों को राहत देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथारिटी ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया।
जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है। घुटने बदलवाने को सस्ता करने से सालाना 1500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है। देश में सालाना डेढ़ से दो लाख लोगों को घुटने बदलवाने पड़ते हैं। प्राइवेट अस्पतालों में घुटने बदलवाना बहुत महंगा है। केमिकल मंत्री कुमार ने कहा कि इसमें लगने वाले चिकित्सीय उपकरणों में भारी मुनाफाखोरी होती है।
आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही दवाओं के मूल्य पर नियंत्रण किया गया और फिर स्टेंट के मूल्य की मुनाफाखोरी पर रोक लगाई गई। और अब घुटने बदलवाने नी इंप्लांट्स को सस्ता किया गया है। केंद्रीय मंत्री कुमार ने बताया कि घुटने बदलने में अपर व लोअर लिंब के साथ पटेला जैसे उपकरण लगाये जाते हैं।
एक सवाल के जवाब में कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक देश में गठिया रोग के प्रकोप से घुटने खराब होने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। एक बड़ा तबका घुटने के दर्द से तड़प रहा होगा जिसे मुश्किलों से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर ही नहीं की बल्कि पूरा भी किया।