गौरतलब है कि शनिवार को रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया था कि बैंक खाते को बायोमीट्रिक पहचान संख्या आधार से जोड़ना अनिवार्य है। देश के केंद्रीय बैंक को यह स्पष्टीकरण इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि मीडिया में यह खबर चल रही थी कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बैंक ने कहा है कि बैंक खाते को आधार से जोड़ने को लेकर उसने कोई आदेश जारी नहीं किया है। 
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कल्याणी मेनन सेन ने याचिका दायर की है। कल्याणी पिछले 25 सालों से महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने के आदेश के खिलाफ भी याचिका दायर कर रखी है। दोनों ही मामलों में यचिकाकर्ता का कहना है कि ये निजता के अधिकार का उल्लंधन का मामला है।
रिजव बैंक ने कहा है कि 1 जून, 2017 को सरकारी गजट में प्रकाशित प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग रूल्स, 2017 के अनुसार बैंक खाते को आधार से साथ जोड़ना जरूरी है।
ये नियम वैधानिक हैं, इसलिए बैंकों को उन्हें लागू करने से पहले किसी तरह के निर्देश की जरूरत नहीं है।
मालूम हो कि सरकार ने इस साल जून में बैंक खाता खोलने के लिए और 50 हजार रुपये से ज्यादा के लेन-देन के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। मौजूदा खाताधारकों को इसके लिए 31 दिसंबर, 2017 तक का समय दिया गया है। इसके बाद जो खाते आधार से लिंक नहीं होंगे, उन्हें बंद कर दिया जाएगा।
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