बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली उर्मिला मांतोडकर ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के साथ अपना सियासी करियर शुरू करने की सोची। हालांकि यह सफर ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। लोकसभा चुनाव हारने के बाद उर्मिला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ने उनका इस्तेमाल किया है। अब उर्मिला मांतोडकर का नाम शिवसेना की ओर से विधान परिषद के सदस्य के तौर पर राज्यपाल को सौंपा गया है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मांतोडकर जल्द ही दोबारा राजनीति में सक्रिय होती नजर आ सकती हैं। महाराष्ट्र सरकार ने उर्मिला मांतोडकर को विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए राज्यपाल को उनका नाम भेजा है। दरअसल, महाराष्ट्र ने राज्यपाल को 12 नामों की बंद लिफाफे में एक सूची भेजी है, जिसमें उर्मिला मांतोडकर का नाम भी शामिल है।
लोकसभा चुनाव हारने के बाद उर्मिला मांतोडकर का यह दूसरा मौका होगा, जब वो खुद को राजनीति के लिए प्रखर बना सकती हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि गठबंधन की ओर से चार-चार प्रत्याशियों के नाम भेजे गए हैं, जो विधान परिषद का सदस्य बनेंगे। गठबंधन में तीन पार्टियां शामिल हैं, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस। ऐसे में तीनों पार्टियों की तरफ से चार-चार लोगों के नाम भेजे गए हैं और शिवसेना की ओर से दिए गए नामों में उर्मिला मांतोडकर का नाम भी शामिल है।
महाराष्ट्र सरकार ने यह सारे नाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजे हैं और उर्मिला मांतोडकर के साथ इस सूची में एकनाथ खड़से , रजनी पाटिल जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। बता दें कि अभिनेत्री ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की ठानी थी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थीं।
इसी के साथ उर्मिला ने नॉर्थ मुंबई सीट से कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी लेकिन उन्हें भाजपा के गोपाल शेट्टी के सामने हार का सामना करना पड़ा।
उर्मिला मांतोडकर आखिरी बार फिल्मी पर्दे पर ब्लैकमेल फिल्म में एक आइटम डांस करती नजर आई थीं। कांग्रेस में शामिल होने के दौरान अभिनेत्री ने साफ कहा था कि वो ग्लैमर के कारण राजनीति में नहीं आई हैं। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस की विचारधारा की वजह से राजनीति में आई हैं।
उन्होंने कहा कि आज अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल खड़े हो गए हैं, देश में रोजगार नहीं है। बता दें कि उर्मिला ने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस मराठी फिल्म ‘झाकोला’ (1980) से की थी। ‘कलयुग’ (1981) उनकी पहली हिंदी फिल्म थी।