बिलासपुर। आईजी पवन देव ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बचाव में निजता के अधिकार को दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कानून के प्रावधानों का उल्लंघन कर अपना बचाव करते हुए सफाई पेश की है। मालूम हो कि आईजी ने महिला का काल डिटेल निकालकर पुलिस मुख्यालय में महिला व टीआई के बीच संबंध होने का दावा किया है।
मुंगेली जिले की महिला आरक्षक ने आईजी पवन देव पर अश्लील बात कर परेशान करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। मामला सामने आते ही प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया में आईजी की करतूतों की चर्चाएं हो रही हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद तरह-तरह की बातें भी हो रही है। शिकायत होने के बाद आईजी अपने बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।
लिहाजा, वह अपने अधिकारों का भी खुलेआम दुरुपयोग कर रहे हैं। आईजी ने अपनी सफाई पेश करने के लिए पीड़ित महिला का मोबाइल कॉल डिटेल निकाला है, जिसमें बर्खास्त टीआई से उसके घनिष्ठ संबंध होने का दावा किया गया है। जानकारों का कहना है कि ऐसा कर आईजी ने कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
किसी भी व्यक्ति की मर्जी के बगैर उसके मोबाइल कॉल डिटेल निकालना अवैधानिक है। हाईकोर्ट की वकील निरूपमा वाजपेयी का कहना है कि पीड़ित महिला की एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में उसकी सहमति के बिना मोबाइल कॉल डिटेल निकालकर सफाई पेश करना अवैधानिक है। प्रावधान के अनुसार काल डिटेल निकालना आपराधिक श्रेणी में आता है। नईदुनिया ने आईजी पवन देव से जानकारी मांगी तो उन्होंने इस मामले में कोई भी चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया।
महिला का फोटो वाइरल करना भी है अपराध
वकील निरूपमा वाजपेयी का कहना है कि इस मामले के उजागर होने के बाद से महिला को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया व वाट्सएप में उसकी तस्वीरे अपलोड किया जा रहा है। जबकि, कानून के अनुसार पीड़ित महिला की पहचान बताना अपराध की श्रेणी में आता है। पीड़ित महिला आरक्षक की फोटो जारी करना भी अवैधानिक है।
महिला को करनी चाहिए शिकायत
वकील सुश्री वाजपेयी का कहना है कि इस मामले में महिला आरक्षक को अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। सोशल मीडिया में उसकी तस्वीरों को देखकर मुझे क्षोभ हो रहा है। मैंने महिला से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, उसका मोबाइल बंद मिल रहा है। महिला को इस मामले की शिकायत करने के भी आगे आना चाहिए। हम उसकी हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं।
अपराध दर्ज नहीं होने पर जाएंगे कोर्ट
पुलिस मुख्यालय से मिले आश्वासन के मुताबिक पीड़ित महिला के पक्ष कार्रवाई के लिए अभी इंतजार किया जा रहा है। इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया गया है। लेकिन, जांच के साथ ही समय पर रिपोर्ट भी सामने होना चाहिए। 10-12 दिन तक इसके लिए इंतजार किया जाएगा। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर कार्रवाई के लिए हम महिला के पक्ष में कोर्ट जाने के लिए तैयार हैं। महिला को न्याय के लिए हर तरह से कानूनी लड़ाई लड़ने के हम तैयार हैं।