केजीएमयू में इग्नू का सेंटर स्थापित होगा। साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट के दो कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसमें आपदा प्रबंधन से निबटने के बारे में लोगों को दक्ष किया जाएगा।
संस्थान के कलाम सेंटर में मंगलवार को ‘आपदा प्रबंधन’ को लेकर संगोष्ठी हुई। कार्यक्त्रम की विशिष्ट अतिथि इंदिरा गाधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने केजीएमयू व इग्नू के सहयोग से दो नए पाठ्यक्त्रमों के संचालन का दावा किया। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट इन डिजास्टर मैनेजमेंट व पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट का संचालन किया जाएगा। यह पाठ्यक्त्रम इसी सत्र से शुरू हो जाएगा, जोकि एससी-एसटी के छात्रों के लिए निशुल्क होगा। उन्होंने केजीएमयू में इग्नू का एक सेंटर स्थापित करने की भी बात कही है। मिलकर करना होगा आपदा का सामना : मुख्य अतिथि प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि आपदा का सामना केवल सरकारी तंत्र की बदौलत संभव नहीं है। इसके लिए सब लोगों को मिलकर सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य जनित आपदाओं को सावधानी बरतकर रोका जा सकता है, जबकि प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम कम किया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन से बढ़ा रहा खतरा : ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन विश्व के लिए खतरा है। इससे हाइड्रो व मेट्रोलॉजिकल खतरे बढ़ रहे हैं। यह पर्वितन प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देंगे। ऐसी आपदा से निपटने के लिए लोगों को भी प्रशिक्षित करना होगा, ताकि जोखिम कम किया जा सके। इसके लिए उन्होंने हॉस्पिटल स्टॉफ को प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई। साथ ही नेपाल भूकंप आपदा, केदारनाथ, उत्तराखंड आपदा अदि के अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में डॉ. समीर मिश्र ने कहा कि चिकित्सकीय स्टाफ के लिए आपदा प्रबंधन में दक्ष होना बेहद जरूरी है, चाहें वह किसी भी प्रकार की हो।
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा रहा खतरा : ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन विश्व के लिए खतरा है। इससे हाइड्रो व मेट्रोलॉजिकल खतरे बढ़ रहे हैं। यह पर्वितन प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा देंगे। ऐसी आपदा से निपटने के लिए लोगों को भी प्रशिक्षित करना होगा, ताकि जोखिम कम किया जा सके। इसके लिए उन्होंने हॉस्पिटल स्टॉफ को प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई। साथ ही नेपाल भूकंप आपदा, केदारनाथ, उत्तराखंड आपदा अदि के अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में डॉ. समीर मिश्र ने कहा कि चिकित्सकीय स्टाफ के लिए आपदा प्रबंधन में दक्ष होना बेहद जरूरी है, चाहें वह किसी भी प्रकार की हो। इंजीनियर तलब, पंखों की मरम्मत के आदेश :
केजीएमयू के वार्डो में पंखे व प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर सीएमएस ने इंजीनियरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। मंगलवार को ही इलेक्ट्रीशियन को वार्डो में पंखों की मरम्मत के लिए लगा दिया गया। सीएमएस डॉ. एसएन शखवार ने इंजीनियर एसपी सिंह व अवधेश वर्मा को कार्यालय बुलाया। उन्होंने पंखा व प्रकाश व्यवस्था खराब होने पर नाराजगी जताई। गायब पंखों की जगह पर नए पंखे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही सभी वार्डो में इलेक्टिक से जुड़ी समस्याएं शीघ्र दूर करने को कहा। सीएमएस के आदेश के बाद इलेक्ट्रीशियन वार्डो में गए। उन्होंने मरम्मतीकरण का कार्य शुरू किया।
रेफरल अस्पताल में 24 घटे मिलेगा रक्त :
लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ-शिशु रेफरल अस्पताल में 24 घटे रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने बताया कि अस्पताल में प्रसव के मामले बढ़ने लगे हैं। रात में गर्भवती के लिए रक्त की जरूरत पड़ने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब 24 घटे ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालन की जिम्मेदारी दे दी गई है।