लखनऊ। अपना दल (एस) ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। ‘अपना दल’ (एस) के नेतृत्व ने तय किया है कि वह निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगा। बताया जा रहा है कि गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा और अपना दल के बीच सहमति नहीं बनी।
किसी प्रत्याशी को नहीं मिलेगा सिंबल
-अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से विमर्श के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह फैसला किया है कि अपना दल (एस) निकाय चुनाव में अपने दल के सिम्बल से किसी प्रत्याशी को चुनाव नहीं लड़ायेगी।
– उन्होंने कहा- “केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार में सहयोगी दल के रूप में अपना दल अपनी राजनीतिक भूमिका का ईमानदारी से निर्वहन करता रहेगा।’
-राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजेंन्द्र सिंह के मुताबिक ‘अपना दल’ एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में अपना दल (एस) उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव के मैदान में अपना सिम्बल किसी प्रत्याशी को नहीं देगा।
सीटों के बंटबारे पर अनिर्णय की स्थिति
-बताया जा रहा है कि भाजपा और अपना दल के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद अपना दल (एस) ने निकाय चुनावों में नहीं उतरने का निर्णय लिया है।
भाजपा से गठबंधन
-यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था।
-भाजपा गठबंधन को 403 विधानसभा सीटों में से 325 सीटों में जीत मिली थी। भाजपा ने 312 सीटों पर, अपना दल (एस) ने 9 सीटों पर तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी।
ओमप्रकाश राजभर भी हैं नाराज
-निकाय चुनावों में अनदेखी से नाराज ओमप्रकाश राजभर ने ने हाल ही में कहा, “मैं दिल्ली बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के लिए गया था, लेकिन उनसे समय न मिलने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी।”
-अब कोशिश करूंगा कि गुजरात जाकर उनसे मुलाकात कर सकूं। अगर बीजेपी से बात नहीं बनती है तो निकाय चुनाव में भासपा अपने कैंडिडेट उतारेगी।