एजेंसी/ नयी दिल्ली: दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ सरकार को उम्मीद है कि बुवाई अभियान गति पकड़ेगी और जिसके कारण सूखे की वजह से दो वर्षों के कम उत्पादन के बाद इस वर्ष खेती का रकबा और उत्पादन का स्तर बढ़ेगा। लगभग सात दिनों की देर के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून ने अंतत: आज केरल में प्रवेश किया जिससे देश में बरसात के मौसम की शुरुआत हो गयी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस वर्ष सामान्य से अधिक बरसात होने का अनुमान जताया है।
सचिव ने कहा कि सरकार ने पानी के संचयन के लिए विशाल संख्या में जल संचयन ढांचा निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून से ये जलाशय भर जायेंगे जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति साबित होगी।
पटनायक ने कहा, सरकार ने पहले से ही न्यूनतम समर्थन मूल्यों को घोषित किया हुआ है जो पहले से उंचे है और अब मानसून के आने के साथ अधिक उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है जिससे किसानों की आय और बढ़ेगी। खाद्य तेल उद्योग संगठन साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने कहा है कि देश में मानसून की प्रगति के साथ आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, कृषि जिंसों के अधिक उत्पादन होने से इनके दाम भी कम होंगे। तिलहन के उत्पादन में वृद्धि का जो अनुमान है वह खाद्य तेलों के आयात पर हमारी निर्भरता को भी कम करेगा। समान विचार व्यक्त करते हुए भारतीय दलहन और अनाज संघ (आईपीजीए) के अध्यक्ष प्रवीण डोंगरे ने कहा कि मानसून का आना बेहद सकारात्मक है और इससे हर जगह खुशी आयेगी। डोंगरे ने कहा, विशेषकर दलहन के मामले में हम अधिक उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में भी कुछ सुधार होगा।
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