भारत में शादी को एक उत्सव बन जाने में समय नहीं लगता है । फिर आप चाहे वर पक्ष से हों या फिर वधु पक्ष की ओर से हों तैयारियां तो दोनों तरफ से जोरों-शोरों से ही होती हैं। यही तो कारण है कि अक्सर भारतीय शादियां ‘बिग फैट वेडिंग’ लिस्ट का हिस्सा बनती हैं।
#दरअसल विभिन्न मान्यताओं में शादी के दिन बारिश हो जाने जैसी बात से कई सारे विश्वास एवं अंधविश्वास जुड़े हैं। कोई कहता है यह गुड लक है तो कोई भगवान से यह मिन्नतें करता है कि काश मेरी शादी के दिन बारिश ना हो, क्योंकि यह एक बुरा प्रभाव माना जाता है।
#बारिश एक मुसीबत :- बारिश जब कोई जरूरी काम करना हो तो मुसीबत भी बन जाती है। सड़कों पर बारिश का पानी इकट्ठा हो जाने से कहीं आने-जाने में दिक्कतें आती हैं। यदि आपके पास गाड़ी नहीं है तो कहीं भी जाने के लिए भीगते हुए जाना पड़ता है।
#सामान्य नज़रिये से देखें तो शादी एक ऐसा दिन है जब कोई भी वर या वधु किसी भी प्रकार की अड़चन को पसंद नहीं करता। लेकिन जब बात बारिश जैसी प्राकृतिक घटना की हो, तो यह किसी के वश में नहीं।
# मान्यताएं :- हिन्दू संस्कृति में शादी के दिन होने वाली वर्षा को ‘रिश्तों की मजबूती’ से भी जोड़ा जाता है। कहते हैं शादी के दिन वर्षा का पानी जब वर-वधु को एक साथ बांधने वाली ‘कन्यादान की गांठ’ पर पड़ता है तो वह उसे मजबूत बना देता है।
#कुछ संस्कृतियों का मानना है कि वर्षा जिस प्रकार से वातावरण को स्वच्छ करने का काम करती है, उसी प्रकार से यह शादी के दिन को भी अच्छा बनाती है। बारिश आने से सभी जगह खुशहाली बंटती है और इसीलिए किसी की शादी के दिन यदि वर्षा हो जाए तो यह एक शुभ प्रतीक माना जाता है।
# लोगों का मानना है कि उनकी शादी के दिन वर्षा होने से उन्हें जल्द से जल्द संतान का सुख प्राप्त हुआ है। दरअसल एक मान्यतानुसार शादी के दिन वर्षा होने जैसी स्थिति को ‘प्रजनन’ से जोड़ा जाता है।
#शादी के दिन वर्षा होने को वर-वधु के आने वाले दाम्पत्य जीवन से भी जोड़ा जाता है। यह वर्षा उनके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाती है और साथ ही संतान योग भी सुखमय बनाती है।