न्यूयॉर्क: वैज्ञानिकों ने एक मस्तिष्क प्रोटीन की पहचान की है, जो व्यक्ति के शराब पीने की क्षमता से जुड़ा हुआ है. इन वैज्ञानिकों में एक भारतीय मूल का भी है . इस शोध से शराब की लत से परेशान लोगों के इलाज का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि मस्तिष्क प्रोटीन, जिसे एमयूएनसी 13-1 कहते हैं, वह शराब पीने की क्षमता के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. टेक्सास के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के जयदीप दास ने कहा, “शराब की लत दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में एक है.
लत में पड़ने के दौरान एथेनाल या शराब व्यक्ति के व्यवहार व दिमाग में कैसे बदलाव लाते हैं, यह समझना एक बड़ी चुनौती है. ” दास बताते हैं कि इस अवस्था में इसके प्रति सहनशीलता विकसित होना एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, “यदि कोई व्यक्ति एक बार शराब पीकर उसे बर्दाश्त कर सकता है तो वह दूसरी बार और फिर पीता है.
यदि हम शराब को एमयूएनसी13-1से बंधने से रोक सकें तो यह शराबियों में शराब को बर्दाश्त करने की क्षमता घटाने में मददगार होगा. यदि हम शराब बर्दाश्त करने की क्षमता घटा सकें, तो शराब की लत लगने से भी रोक सकते हैं. “
शराब की बुराइयों और उसके नुकसान के बारे में अक्सर आप पढ़ते सुनते होंगे . डॉक्टरों के मुताबिक यकृत यानी लीवर से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह शराब है . बहुत से डाक्टरों का कहना है कि यकृत की बीमारियों से बचने के लिए शराब की दुकानों पर रोक लगाई जानी चाहिए . ज्यादा शराब पीने से ये नुकसान शरीर को हो सकते हैं जो हैं-
-ज्यादा शराब पीने लीवर और यकृत को नुकसान पहुंचता है.
– ज्यादा शराब पीने से अल्कोहल कई अंगों पर बुरा असर डाल सकता है और 200 से ज्यादा बीमारियां पैदा कर सकता है.
-मुंह और गले में अल्कोहल कफ झिल्ली को प्रभावित करता है, भोजन नलिका पर असर डालता है.
-ब्रेस्ट कैंसर और आंत के कैंसर के लिए अल्कोहल भी जिम्मेदार होता है.
– ज्यादा शराब के सेवन से पेट में अल्सर भी हो सकता है.
-अत्यधिक शराब के सेवन से पाचन तंत्र पर काफी बुरा असर होता है.