इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध को तीन महीने से ज्यादा समय हो गया है। जहां इस्राइल में अब तक हमास के हमलों में 1200 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं, वहीं गाजा पट्टी में इस्राइली सेना के ताबड़तोड़ हमलों से 23,000 से अधिक मौतें हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपीलों के बावजूद इस्राइल ने अब तक गाजा में हमलों को नहीं रोका है। इस बीच आज हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में आज इस्राइल को नरसंहार के आरोपों का सामना करना है। दक्षिण अफ्रीका की तरफ से दर्ज कराए गए मामले की आज और कल (गुरुवार-शुक्रवार) लगातार दो दिन सुनवाई होनी है।
इस बीच इस्राइली सरकार ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में पेशी से पहले बयान जारी कर गाजा में नरसंहार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। हाल ही में इस्राइली प्रधानमंत्री ने कुछ दक्षिणपंथी पार्टियों की तरफ से गाजा पर हमेशा के लिए कब्जा करने के प्रस्ताव को सार्वजनिक तौर पर नकार दिया था। अब इस्राइली सरकार ने कहा है कि गुरुवार को हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पेशी के दौरान उस दक्षिण अफ्रीका के सभी आरोपों का जवाब देंगे, जो खुद हमास के दुष्कर्मी शासन को राजनीतिक और कानूनी सुविधा मुहैया करा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका ने कोर्ट में लगाए यह आरोप
न्यायालय में मुकदमा दायर करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने आरोप लगाया कि इस्राइल संधि के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। इस्राइल गाजा में अपने सैन्य अभियानों को दिन-ब-दिन तेज करता जा रहा है। फलस्तीनी लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है। इसे रोकना आवश्यक है। अफ्रीका ने कोर्ट से मांग की है कि वह इस्राइल को आदेश दे कि या तो गाजा में जारी सैन्य अभियानों को तुरंत रोका जाए या फिर अल्पकालिक कोई उपाय जारी किए जाएं, जिससे फलस्तीनी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
क्या है आईसीजे?
बता दें, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय दो देशों के बीच जारी विवाद को सुलझाने का एक स्थल है। अदालत यूरोपीय देश हेग में स्थित है। आईसीजे को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च न्यायालय माना जाता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि इस अदालत के फैसले को माना ही जाए। कई बार देशों ने अदालत के फैसले को नजरअंदाज किया है। हाल ही में अदालत ने रूस को आदेश दिया था कि वह यूक्रेन में जारी अपने सैन्य अभियान को तुरंत बंद करे लेकिन रूस ने ऐसा नहीं किया और बर्बरता से यूक्रेन से हमला करना जारी रखा।