सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) पर एक महीने का मोरेटोरियम लगा दिया है। इससे अब बैंक के खाताधारक 16 दिसंबर, 2020 तक अपने खातों से 25,000 रुपये से अधिक की निकासी नहीं कर पाएंगे। मोरेटोरियम लागू होने से बैंक के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार को शुरुआती कारोबार में लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर 20 फीसद तक गिर गए।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर बैंक के शेयर ने 20 फीसद की गिरावट के साथ अपनी 12.4 रुपये की लॉअर सर्किट लिमिट को छू लिया है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर बैंक का शेयर 19.94 फीसद गिर गया है। इस तरह यहां भी बैंक के शेयर को 12.45 रुपये पर लॉअर सर्किट लग गया है।
केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा था कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान आरबीआई से लिखित अनुमति के बगैर बैंक खाताधारकों को 25 हजार से ज्यादा राशि का भुगतान नहीं कर पाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि यह कदम बेहद जरूरी हो गया था, क्योंकि लक्ष्मी विलास बैंक के फंसे कर्ज में लगातार इजाफा हो रहा था और घाटा बने रहने की आशंका थी।
केंद्रीय बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि उनकी हितों की पूरी रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय बैंक ने केनरा बैंक के पूर्व नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन टी एन मनोहरन को लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
यहां बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय करने की मसौदा स्कीम की घोषणा की है। डीबीएस इंडिया ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विलय का यह प्रस्ताव बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 45 के तहत भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को प्राप्त विशेष अधिकार के तहत आया है।
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