नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से लोगों को लोन की ईएमआई भरने को दी गई राहत के बाद बैंकों ने ब्याज पर ब्याज लगाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और सरकार ने ब्याज पर लगने वाले ब्याज की 2 करोड़ रुपये तक की राशि पर लोगों को राहत दी। अब इसको लेकर वित्त मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर दिया है।
आरबीआई की मोरोटोरियम पीरियड में ब्याज पर ब्याज पर छूट देने के मामले को लेकर लोगों को राहत देने के लिए वित्त मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर छह महीने के लिए दी गई मोहलत के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान केंद्र सरकार की तरफ से किया जाएगा।
इन लोगों को मिलेगा फायदा-
केंद्र सरकार ने बताया है कि जिन्होंने होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड लोन, ऑटो लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स लोन लिया हुआ है, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। बैंक चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच जो राशि है, उसे ग्राहक के लोन अकाउंट में डालेंगे। फिर सरकार बैंक को उस राशि पर क्लेम करने के बाद भुगतान करेगी।
इतने दिन का ब्याज होगा माफ-
इस फैसले से केंद्र सरकार पर करीब 6500 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। इसके साथ ही जिन्होंने लोन मोरोटोरियम का फायदा नहीं लिया, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा। दिशानिर्देशों के अनुसार, इस योजना का लाभ 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 की अवधि तक लोन के ब्याज पर ब्याज किया जाएगा।
इससे पहले न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “कुछ ठोस किया जाना चाहिए था, 2 करोड़ तक के कर्जदारों को छूट का लाभ जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।” शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई 2 नवंबर होगी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्अ ने केंद्र और बैंकों से कहा था कि आम आदमी की दिवाली आपके हाथ में है।
शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने COVID-19 महामारी के कारण घोषित छह महीने के लोन टालने की अवधि से संबंधित मुद्दों को उठाया है। जस्टिस आरएस रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने भी कहा कि जब अधिकारियों ने कुछ तय किया है तो इसे लागू किया जाना है।
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