सिडनी: क्या कभी जन्म के बाद किसी का ब्लड ग्रुप बदल सकता है, वो भी जिंदगी के 15 साल गुजरने के बाद. ऑस्ट्रेलिया की डेमी के साथ ऐसा हकीकत में हुआ है, डेमी का ब्लड ग्रुप तब बदला जब उसका लीवर ट्रांसप्लांट हुआ. डेमी का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा 6 करोड़ में से किसी एक के साथ होता है।
लीवर ट्रांसप्लांट में आ रही थी दिक्कत
डेमी को लीवर की बीमारी थी. वो भी तब जब वो महज 15 वर्ष की थी. डॉक्टरों ने कहा कि उसका लीवर ट्रांसप्लांट करना होगा. जिस डोनर ने डेमी को अपना लीवर डोनेट किया डेमी के शरीर ने उसी का बल्ड ग्रुप एक्सेप्ट कर लिया. डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा बहुत विरले ही होता है, कि किसी और का शरीर किसी और के इम्युन सिस्टम के ब्लड ग्रप को अपना लें।
सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रांसप्लांट के दौरान अगर किसी डोनर का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है तो रिसीवर को ताउम्र एंटी-रिजेक्शन ड्रग्स लेनी पड़ती हैं. डेमी के मामले में ये बात भी गलत साबित हुई. अब उनका ब्लड ग्रुप ओ-पॉजिटिव से ओ-नेगेटिव हो चुका है, लेकिन उनको किसी तरह की एंटी-रिजेक्शन ड्रग नहीं लेनी पड़ती है।
हांलाकि एक बार अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, तभई डॉक्टरों ने उन्हें ब्लड ग्रुप चेंज होने के बारे में बताया. लीवर ट्रांसप्लांट हुए 8 साल हो गए है और डेमी पूरी तरह से स्वस्थ है।
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