राष्ट्रवादी रुख के साथ प्रॉडक्ट्स पेश करती है पतंजलि

राष्ट्रवादी रुख के साथ प्रॉडक्ट्स पेश करती है पतंजलि कोलगेट पामोलिव

कोलगेट पामोलिव के ग्लोबल सीईओ ने एक एनालिस्ट कॉल में पहली बार अपनी प्रतिद्वंद्वी पतंजलि आयुर्वेद का नाम लिया है। इयान कुक ने शुक्रवार को कहा था,
राष्ट्रवादी रुख के साथ प्रॉडक्ट्स पेश करती है पतंजलि

‘इंडिया में पतंजलि अपने कारोबार को बेहद राष्ट्रवादी नजरिए से पेश करती है। लोकल मार्केट में यही कॉन्सेप्ट्स हैं। वे प्रीमियम प्राइस पर फोकस रखते हैं। इसका मतलब यह है कि आपको ऐसे ऑफर का मुकाबला करना है, जिसे विशेष रूप से तैयार किया गया है और जो उस बेनेफिट पर अटैक करता है, जिसे पाने की उम्मीद कंज्यूमर कर रहा होता है।’

यह बयान टूथपेस्ट मार्केट में कोलगेट इंडिया का हिस्सा तेजी से घटने के बाद आया है। पिछले साल इसका मार्केट शेयर 180 बेसिस पॉइंट्स घटा। यह एक दशक में सबसे तेज गिरावट रही क्योंकि कंज्यूमर्स आयुर्वेदिक या हर्बल होने का दावा कर रहे ब्रांड्स की ओर मुड़ रहे हैं। कंपनी का सेल्स वॉल्यूम पिछले फिस्कल ईयर में 4 पर्सेंट घटा। साल 2016 के दौरान टूथपेस्ट में 55.6 पर्सेंट और टूथब्रश कैटेगरी में 47.3 पर्सेंट मार्केट शेयर के साथ कंपनी अब भी इंडिया में सबसे बड़ी ओरल केयर कंपनी है।

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पिछले साल इसने इंडिया पर केंद्रित पहला आयुर्वेदिक ब्रांड सिबाका वेदशक्ति लॉन्च किया था। साफ तौर पर इसे पतंजलि के दंत कांति टूथपेस्ट के जवाब में उतारा गया। 2016 में नए ब्रैंड का इंडिया में 0.5 पर्सेंट मार्केट शेयर रहा। वहीं उत्तरी और पूर्वी इलाकों में इसकी बाजार हिस्सेदारी एक पर्सेंट थी। योग गुरु रामदेव के पतंजलि ब्रैंड ने इस सेगमेंट में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबदबे को चुनौती दी है, हालांकि उसकी मौजूदगी केवल लगभग दो लाख परंपरागत रिटेल स्टोर्स में है जबकि कोलगेट की मौजूदगी 50 लाख से ज्यादा स्टोर्स में है।

क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट शेयर में असल गिरावट घोषित कमी से कम से कम दोगुनी होगी। उसने कहा कि इस कैटेगरी में सबसे बड़ा फर्क पतंजलि से आया है और इसके अपने स्टोर्स से बिक्री की जानकारी नीलसन ने नहीं दी है। उसने कहा कि नीलसन के रिटेल पैनल ने 12000 ऐसे स्टोर्स को अपनी स्टडी में शामिल नहीं किया।

कुक ने कहा था, ‘ऐसे मुकाबलों में आखिर में जीत उन कंपनियों के हाथ लगती है, जो कस्टमर को सबसे अच्छे तरीके से समझती हैं और उनके मुताबिक प्रॉडक्ट्स ऑफर करती हैं। इसी पर हमें काम करना है।’

16 अरब डॉलर की इस मल्टीनैशनल कंपनी के पास नेचुरल सेगमेंट में ग्लोबल एक्सपीरियंस है। इसने एक दशक पहले अमेरिका में Tom’s of Maine को खरीदा था, वहीं कोलगेट मिसवाक की मौजूदगी टर्की, इंडोनेशिया और दूसरी जगहों पर है।

एक दशक से भी कम समय में 10000 करोड़ रुपये की कंपनी बनकर पतंजलि आयुर्वेद ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आयुर्वेद सेक्टर पर फोकस बढ़ाने पर मजबूर किया है। एचयूएल ने हाल में इंदुलेखा को खरीदने के बाद आयुष को रीलॉन्च किया था। वहीं लॉरियल ने गार्नियर अल्ट्रा ब्लेंड्स के तहत एक हेयर केयर रेंज पेश की, जिसमें नैचरल इनग्रेडिएंट्स होने का दावा किया गया। डाबर ने डाबर रेड के तहत इंडिया का पहला आयुर्वेदिक जेल टूथपेस्ट पेश करने का दावा किया था।

 

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