इंटरनेशनल डेस्क.साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का असर इन्हें बांटने वाली 250 किमी लंबी बार्डर पर भी नजर आता है। यह दुनिया की सबसे खतरनाक बॉर्डर मानी जाती है। इसके दोनों और एक डिमिलिट्राइज जोन भी है जहां जाने वाले टूरिस्ट्स को लिखित में सहमति देनी होती है कि इस इलाके में उनकी मौत की जिम्मेदारी खुद की होगी।
हर तरफ बिछी हैं लैंड माइन्स…
इस जगह को पनमुंजोम के नाम से जाना जाता है जो साउथ काेरिया की कैपिटल सियोल से 55 किमी दूर है। यह डिमिलिट्राइज जोन दोनों देशों को अलग करती चार किमी की पट्टी है जो नाम से उलट सबसे ज्यादा हथियों से लैस है।यहां पूरी सीमा पर लैंड माइन्स, कांटेदार तार और टैंक के रोकने के लिए स्टॉप लाइन बिछी हुई हैं। यह दुनिया का ऐसा अकेला टूरिस्ट प्लेस है, जहां जाने वाले लोगों को पेपर साइन करना होता है। इसमें उन्हें इस बात पर सहमति देनी होती है कि इस इलाके में हुए हमले में किसी भी चोट या फिर मौत की जिम्मेदारी उनकी खुद की होगी।
यहीं हुआ था दोनों देशों के बीच समझौता
– पनमुंजोम दरअसल एक छोटा सा गांव है। यहीं 1953 में कोरियन वॉर को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था। हालांकि, दोनों ही देश कभी भी इसे लेकर सहमत नहीं दिखे। यहां पांच दशक बाद भी आधिकारिक तौर पर युद्ध के हालात बने रहते हैं। इस जोन में बड़ी संख्या में हमेशा गार्ड्स तैनात रहते हैं।
– इस वीरान गांव से एक किलोमीटर पूर्व में ज्वाइंट सिक्युरिटी एरिया है। यहां नॉर्थ और साउथ कोरिया की ज्वाइंट फोर्स तैनात रहती है।
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हर साल हजारों टूरिस्ट्स पहुंचते हैं यहां
कोल्ड वॉर के आखिरी फ्रंटियर को देखने हर साथ यहां हजारों की संख्या में टूरिस्ट्स पहुंचते हैं। सियोल से पनमुंजोम तक के सफर का नजारा अपने आप में ही बेहद खूबसूरत है। यहां का सबसे बड़ा अट्रैक्शन एक नीली बिल्डिंग हैं, जहां दोनों देशों के अधिकारी खास मौकों पर मुलाकात करते हैं। हालांकि, यहां आने वाले टूरिस्ट्स को वॉर्निंग दी जाती है कि वे नॉर्थ कोरियाई गार्ड्स से न तो नजरें मिलाएं और न ही किसी भी तरह के इशारे करें।