मायावती ने सीएम योगी की तारीफ कर नई सियासी बहस को दिया जन्म

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में सपा के पीडीए से चोट खाने के बाद बसपा ने मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में लाने की मुहिम तेज कर दी है। बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बृहस्पतिवार को राजधानी में हुई रैली में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों का विकास न होने व जानमाल का खतरा होने की बात कहकर उन्हें पार्टी से जोड़ने का प्रयास किया।

साथ ही जातिवादी दलों पर संविधान को बदलकर पुरानी जातिवादी व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाते हुए दलित समाज को आगाह किया। मायावती ने सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना कर नई सियासी बहस को जन्म दिया तो दलित महापुरुषों की उपेक्षा करने पर सपा को जमकर घेरा।

पूरे संबोधन में उन्होंने भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता पर सीधे हमला नहीं बोला। संविधान पर खतरे का सामना केवल बसपा द्वारा ही किए जाने की बात कहकर दलित वोटबैंक को संदेश दिया कि उनके अधिकार बसपा ही दिला सकती है। ये भी याद दिलाया कि जातिवादी पार्टियों से गठबंधन करने पर सवर्णों का वोट बसपा को नहीं मिलता है।

आकाश का देना है साथ
बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को पहले बोलने का मौका देकर पार्टी के भविष्य की तस्वीर भी साफ कर दी। उन्होंने कहा कि आकाश अब पार्टी के मूवमेंट से पूरी तरह जुड़ चुके हैं। पूरी लगन और मेहनत से काम कर रहे हैं। जिस तरह आपने कांशीराम के बाद मेरा साथ दिया, उसी तरह आकाश का भी देना है।

15 साल का वनवास खत्म करने का आह्वान
बसपा ने वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत की सरकार बनाकर अपना 15 साल का वनवास खत्म करने के लिए रैली के जरिये तगड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। करीब तीन लाख लोगों की क्षमता वाला कांशीराम स्मारक स्थल खचाखच भरा रहा तो बाहर भी इतनी ही भीड़ दिखाई दी।

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