काठमांडू, नेपाल के भारत के साथ लगे दक्षिणपूर्वी प्रांत दो का नाम मधेस प्रदेश कर दिया गया है और जनकपुर इसकी राजधानी घोषित की गई है। इस तरह 2015 में प्रांत बनाए जाने के बाद क्षेत्र के आधिकारिक नाम को लेकर लंबे समय से जारी बहस का हल निकल गया है। प्रांत में अधिकतर आबादी भारतीय मूल की है और सर्वाधिक लोग यहां मैथिली बोलने वाले हैं।

प्रांतीय विधानसभा ने सोमवार को दोनों फैसलों के लिए दो-तिहाई के बहुमत से मतदान किया। 99 सदस्यों में से 78 ने जनकपुर को राजधानी बनाने के लिए और 80 ने प्रांत का नाम मधेस करने के लिए मतदान किया। मधेस क्षेत्रफल में नेपाल का सबसे छोटा राज्य और आबादी की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा प्रांत है। दक्षिण में इसकी सीमा भारत (बिहार) से लगती है। इसमें आठ जिले आते हैं। आम बोलचाल की भाषा में मधेसी का अर्थ मैदानी इलाके के लोगों से है। हिंदू धर्म शास्त्रों में मधेस का संबंध भगवान शिव से बताया गया है।
मधेसियों ने किया था विरोध प्रदर्शन
सितंबर 2015 में नेपाल का नया संविधान प्रभाव में आने के बाद यह क्षेत्र प्रांत बना था। नेपाल के संविधान में और अधिकार व प्रतिनिधित्व देने की मांग को लेकर मधेसियों द्वारा सितंबर, 2015 से फरवरी, 2016 के बीच किए गए विरोध प्रदर्शनों में 50 लोगों की मौत हो गई थी।
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