
भाजपा के प्रादेशिक शिविर में पदाधिकारियों ने मंगलवार को परिवारवाद और नोटबंदी के साथ भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा है। उनमें नाराजगी इस कदर है कि शिवपुरी से आए एक पदाधिकारी ने यहां तक कह दिया कि तीन बार से प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर भी कार्यकर्ताओं के कोई भी काम रिश्वत के बिना नहीं होता।
शिकायत करने पर नौकरशाह भी नहीं सुनते। पदाधिकारियों के कई सवालों के जवाब वरिष्ठ केंद्रीय पदाधिकारियों के पास भी नहीं थे। अंबर गार्डन में चल रहे भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन मंगलवार को पदाधिकारियों के तेवर तीखे नजर आए। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री वी सतीश के भाषण के बाद कार्यसमिति के पदाधिकारी महेश शर्मा ने खड़े होकर अपने सवाल से सबको चौंका दिया।
उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री और कई मंत्री सालों से अपने पदों पर जमे हैं। ये सब कब हटेंगे? पूर्व जिलाध्यक्ष रीता उपमन्यु ने कहा कि अभी कैलाश विजयवर्गीय विधायक हैं। उनके बेटे अब राजनीति में हैं। भविष्य में उन्हें टिकट मिल जाएगा। ऐसा परिवारवाद कब तक चलेगा? शिवपुरी से आए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हर्षवर्धन ने सत्र के बाद भाजपा प्रदेश प्रभारी विनय सहाबुद्धे से कहा कि अफसर पैसों के बगैर काम नहीं करते। भाजपा का नारा है ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’…यदि सरकार कार्यकर्ताओं के द्वार हो तो कम से कम उनके काम तो हो जाएं।
क्या बीजेपी का रिमोट कंट्रोल संघ के हाथ में है?
राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने सत्र में संबोधित किया। उसके बाद एक पदाधिकारी ने उनसे सवाल पूछा कि क्या बीजेपी का रिमोट संघ के हाथ में है? रामलाल ने उत्तर देने के बजाय हॉल में बैठे अन्य पदाधिकारियों से पूछा- आपको क्या लगता है? सभी ने एक स्वर में कहा- ऐसा नहीं है। इस पर रामलाल मुस्कुराए और कहा कि मेरी शक्ल देखकर मत बोलो। फिर कहा- यह बात सही है कि कई बार गलत दिशा में काम होने पर संगठन को मंत्रियों की भी क्लास लेना पड़ती है।
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