ईश्वर का नाम सुनते ही एक आस्तिक के मन में एक शान्ति का भाव उमड़ आता है। उसे विश्वास होता है कि उसकी रक्षा करने वाला कोई तो है। भगवान को भोग लगाना हुआ पुराना, अब चढ़ाइए “शेयर्स”तक पहुँचने का सबका अपना-अपना तरीका होता है। धर्म अलग-अलग होते हैं और हर धर्म में लोगों की आस्था कितनी होगी ये भी एक व्यक्ति खुद ही तय करता है क्योंकि ऊपरवाला तो आकर बताता नहीं है कि मुझे इतनी देर याद करोगे तो मैं तुम्हें इतना आशीर्वाद दूंगा। सबको पता है कि कर्म करके ही व्यक्ति को कुछ प्राप्त हो सकता है। इसके बावजूद बहुत से लोग हैं जो ये बात समझ नहीं पाते। और क्यों समझें वो इस स्थिति में ही नहीं होते जो इन छोटी मगर मोटी बातों को समझ सकें। भाई जिसके पास कुछ नहीं होता और जो बहुत हारा हुआ होता है उसे इश्वर में ही आखिरी रास्ता नज़र आता है। और दूसरे वो लोग होते हैं जिनके पास अंधी कमाई होती है यानी 2 नंबर की कमाई। इनमें से कई लोग केवल भगवान से डरते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि ऊपरवाला सब देख रहा है और कभी भी उसकी लाठी की मार पड़ सकती है।
चढ़ावे का कॉन्सेप्ट सबके लिए अलग-अलग होता है। मतलब हम लोगों को घूस देने की इतनी आदत पड़ गई है कि हम भगवान को भी घूस देकर अपना काम करवाने लगे हैं। भगवान ये काम कर दो तो 4 धाम करके आएंगे। वो कर दो तो इतने लड्डू चढ़ावा चढ़ाएंगे, भले ही उस वक़्त नज़र पंडित जी पर रहे कि यार ये सारे लड्डू निकाल लेंगे क्या? ख़ैर अब आपको घबराने की ज़रुरत नहीं है। लड्डू शेयर करने का मन नहीं तो “शेयर मार्किट” की मदद से भगवान को चढ़ावा चढ़ा सकते हो। मुंबई के सिद्धि-विनायक से बढ़िया ख़बर आई है जिससे आपको नंगे पैर वहां तक चल के जाने की भी ज़रुरत नहीं है। घर बैठे-बैठे आप भगवान को प्रसाद चढ़ा सकते हैं।
पिछले साल तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने ये नया तरीका निकाला। भाई कौन रोज़-रोज़ बैठकर नोट गिने? स्टॉक दान में दो, हम उसे बेच देंगे। अरे ज़्यादा दिन रखेंगे भी नहीं, अगले दिन ही बेच देंगे। तो दोस्तों शेयर मार्किट में खूब पैसा लगाते हैं। ईश्वर में गहरी आस्था रखते हैं। तो आपको पता ही है कि भगवान को हमारे पैसों की कितनी ज़्यादा ज़रुरत है। हां और क्या जिनसे अच्छी नौकरी, अच्छी सैलरी की मनोकामना मांगते हो। उनको पैसा आने के बाद कुछ लौटाओगे नहीं क्या? टाइम नहीं है? कोई बात नहीं यार भीड़ भी बहुत होती है वहां। वीआइपी की लाइन भी लम्बी लगने लगी है। तो बिना वहां जाए भी अब चढ़ावा चढ़ाइए। शेयर खरीदिये और दान कर दीजिए सिद्धि-विनायक मंदिर को। अब भगवान को भी आपके शेयर्स चाहिए। 😉