जब भी आप अपने फ्रिजी या कर्ली बाल लेकर पार्लर जाती होंगी तो पार्लर या सलॉन वाली ब्यूटीशन आपको बालों पर केराटिन ट्रीटमेंट करवाने की सलाह देती होंगी. इससे आपके बाल बेहद ही खूसबूरत हो जाते है और दिखने में भी काफी कमाल के लगते हैं. उलझे और फ्रिजी बालों को मैनेज करने और बालों को स्ट्रेट करने के सबसे पॉप्युलर ट्रीटमेंट्स में से एक है केराटिन ट्रीटमेंट. ये जितना सुंदर दिखाई देते हैं उससे ज्यादा इसके नुकसान होते हैं जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
केराटिन के फायदे
* बालों का उलझना कम हो जाता है और बालों को मैनेज करना आसान होता है.
* बाल शाइनी और ग्लॉसी दिखने लगते हैं.
* बाल स्ट्रेट हो जाते हैं जिन्हें अलग.अलग तरह से स्टाइल करना आसान हो जाता है.
* धूप की हानिकारक किरणों समेत वातावरण में मौजूद पलूशन से भी बाल बच जाते हैं.
* बाल डैमेज कम होते हैं तो उनके टूटने.झड़ने की समस्या भी कम हो जाती है.
केराटिन के साइड इफेक्ट्स
* केराटिन प्रोटीन ट्रीटमेंट करवाने के बाद आपको स्पेशल शैंपू, कंडिशनर और हेयर स्टाइलिंग प्रॉडक्ट यूज करना पड़ता है जो खासतौर पर आपके बालों के हिसाब से बनाए गए हों.
* केराटिन करवाने के बाद बाल बिलकुल स्ट्रेट दिखने लगते हैं और उसमें से वॉल्यूम और बाउंस गायब हो जाता है.
* आपके बाल बड़ी जल्दी ऑइली और ग्रीजी हो जाएंगे.
* केराटिन करवाने के बाद कुछ दिनों तक आप बालों को धो नहीं पाएंगे.
* इस ट्रीटमेंट को करवाने में तो काफी पैसा खर्च होता है लेकिन इसका असर महज 3 से 5 महीने ही रहता है.
* केराटिन ट्रीटमेंट में आमतौर पर एक ऐसे केमिकल का इस्तेमाल होता है जिसकी वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं, स्किन में और आंखों में खुजली.जलन महसूस हो सकती है.