फेसबुक की कनेक्टिविटी लैब के वैज्ञानिकों ने लाइट की मदद से इंटरनेट देने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन के लिए लैब ने लाइट सिग्नल को कलेक्ट करने का तरीका ढूंढ निकाला है। अगर इस दिशा में और सफलता मिलती है तो सीधे लाइट के जरिए ही कनेक्टिविटी का रास्ता खुल जाएगा। इससे दूर-दराज के इलाकों में आसानी से वायरलेस इंटरनेट सर्विस दी जा सकेगी।

अभी हाई-स्पीड वायर्ड कम्यूनिकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर्स से लेजर के जरिए इन्फर्मेशन भेजी और रिसीव की जाती है और वायरलेस नेटवर्क रेडियो फ्रिक्वेंसी से काम करते हैं। मगर कनेक्टिविटी लैब ने वायुमंडल में मौजूद लाइट सिग्नल को डिटेक्ट करने का नया तरीका विकसित किया है। इससे लाइट सिग्नल को सीधे हवा से होकर ही भेजा जा सकता है और रिसीव भी किया जा सकता है।
वायुमंडल से लेजर लाइट के जरिए इन्फर्मेशन कैरी करने से हाई बैंडविड्थ और डेटा कैपैसिटी मिल सकती है, मगर अब तक चुनौती यह थी कि छोटी सी लेजर बीम को बहुत दूर स्थित लाइट डिटेक्टर पर कैसे फोकस किया जाए। इस काम के लिए रिसर्चर्स ने 126 वर्ग सेंटीमीटर की खास सतह बनाई गई, जो हर तरफ से आने वाली लाइट को रिसीव करती है।
रिसर्चर्स ने इस खास सतह को बनाने के लिए अभी इस्तेमाल हो रहे ऑप्टिक्स के बजाय फ्लॉरेसंट को इस्तेमाल किया। इस सरफेस पर लाइट सिग्नल कलेक्ट किए गए और फिर उन्हें छोटे से फोटोडिटेक्टर पर फोकस किया। इस टेक्नॉलजी की मदद से 2 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा ट्रांसमिट किया जा सकता है।
फेसबुक की कनेक्टिविटी लैब के वैज्ञानिकों ने लाइट की मदद से इंटरनेट देने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन के लिए लैब ने लाइट सिग्नल को कलेक्ट करने का तरीका ढूंढ निकाला है। अगर इस दिशा में और सफलता मिलती है तो सीधे लाइट के जरिए ही कनेक्टिविटी का रास्ता खुल जाएगा। इससे दूर-दराज के इलाकों में आसानी से वायरलेस इंटरनेट सर्विस दी जा सकेगी।
अभी हाई-स्पीड वायर्ड कम्यूनिकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर्स से लेजर के जरिए इन्फर्मेशन भेजी और रिसीव की जाती है और वायरलेस नेटवर्क रेडियो फ्रिक्वेंसी से काम करते हैं। मगर कनेक्टिविटी लैब ने वायुमंडल में मौजूद लाइट सिग्नल को डिटेक्ट करने का नया तरीका विकसित किया है। इससे लाइट सिग्नल को सीधे हवा से होकर ही भेजा जा सकता है और रिसीव भी किया जा सकता है।
वायुमंडल से लेजर लाइट के जरिए इन्फर्मेशन कैरी करने से हाई बैंडविड्थ और डेटा कैपैसिटी मिल सकती है, मगर अब तक चुनौती यह थी कि छोटी सी लेजर बीम को बहुत दूर स्थित लाइट डिटेक्टर पर कैसे फोकस किया जाए। इस काम के लिए रिसर्चर्स ने 126 वर्ग सेंटीमीटर की खास सतह बनाई गई, जो हर तरफ से आने वाली लाइट को रिसीव करती है।
रिसर्चर्स ने इस खास सतह को बनाने के लिए अभी इस्तेमाल हो रहे ऑप्टिक्स के बजाय फ्लॉरेसंट को इस्तेमाल किया। इस सरफेस पर लाइट सिग्नल कलेक्ट किए गए और फिर उन्हें छोटे से फोटोडिटेक्टर पर फोकस किया। इस टेक्नॉलजी की मदद से 2 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा ट्रांसमिट किया जा सकता है।
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