रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार की हालत को देखते हुए बिल्डर्स ने नए लॉन्च से हाथ खींच लिया, जिसके चलते न्यू लॉन्च में पूरे 46 फीसदी की कमी देखने को मिली। यह स्टडी आठ शहरों में की गई, जिनमें दिल्ली एनसीआर, मुम्बई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु शामिल हैं।
रीयल एस्टेट के मामले में सबसे बुरा हाल दिल्ली एनसीआर का रहा। यहां तो बाजार की हालत इतनी पतली हो गई कि बिल्डरों ने नए प्रोजेक्ट लॉन्च ही नहीं किए। यहां न्यू लॉन्च में 73 फीसदी की गिरावट हुई। यहां बिक्री में तकरीबन 29 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
अगर नोटबंदी के चलते यहां कारोबार को हुए नुकसान की बात की जाए तो दिल्ली-एनसीआर में इस सेक्टर को 3700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसका सरकारी खजाने पर भी असर पड़ा है क्योंकि रीयल एस्टेट में होने वाली डील्स से सरकार को भी अच्छा खासा रेवेन्यू मिलता है मगर सेल्स में आई कमी की वजह से सरकार को 260 करोड़ का स्टाम्प ड्यूटी का नुकसान उठाना पड़ा।
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